Ranchi : राजधानी रांची के बीचोंबीच बसी एक बस्ती की सच्चाई स्मार्ट सिटी के दावे को आइना दिखा रही है. सुखदेव नगर थाना के पीछे बसा यह मुहल्ला गंदगी, बदबू, मच्छरों और सरकारी अनदेखी से जूझ रहा है. इलाके में एक बड़ा नाला है, जो पूरी तरह गंदगी से भर चुका है. मुहल्ले की तमाम नालियां जाम हैं और पानी की निकासी न होने से हालात बद से बदतर हो गये हैं. चारों ओर फैली गंदगी और बदबू से घिरे इस इलाके में लोग रोजाना बीमारी के डर के साथ अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं.
शिकायत के बाद भी नहीं होती सफाई स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम का कोई कर्मचारी सफाई करने नहीं आते हैं. नाले और नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई है. सड़क के किनारे कचरा पड़ा रहता है, जिसे उठाने के लिए नगर निगम की गाड़ी भी समय पर नहीं आती. लोगों का कहना है कि उन्हें हर रोज बीमारियों और बदहाल व्यवस्था के बीच जीना पड़ रहा है. आरोप लगाया कि निगम के जिम्मेदार अधिकारी केवल फाइलों में सफाई और स्वच्छता दिखाते हैं, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है. ऐसे में लोगों का सवाल यह है कि अगर राजधानी के हालात ऐसे हैं, तो बाकी जगहों का क्या हाल होगा. क्या रांची को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना कभी पूरा हो पायेगा.
मच्छरों का आतंक, हर समय बीमारी का डर नाले में महीनों से पानी जमा होने की वजह से मच्छर लगते रहते हैं. इससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. लोगों का कहना है कि मच्छरों की वजह से रात में सोना भी मुश्किल हो गया है.
थोड़ी सी बारिश में नाले का पानी सड़क पर मुहल्ले के लोगों ने बताया कि अगर थोड़ी सी भी बारिश होती है, तो नाले का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है. ऐसे में सड़क पर चलना भी मुश्किल हो जाता है. सड़क पर गंदा पानी बहने से बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती है.
सिर्फ चुनाव के समय आते हैं जन प्रतिनिधि लोगों का कहना है कि जिन जन प्रतिनिधियों को उन्होंने वोट देकर जीताया, वे अब उनके पास आने का नाम नहीं लेते. चुनावी माहौल में नेता गली-गली घूमते हैं, मगर जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, वे गायब हो जाते हैं.

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