- एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच रही किसानों की हरी सब्जियां
- कार्गो की खाली स्पेस के साथ उड़ान भर रहे विमान
एयरपोर्ट पर चार वर्ष पूर्व बना कार्गो">https://lagatar.in/broken-tiles-bad-plants-in-birsa-smriti-park-infuriated-the-chief-minister-said-no-fault-is-tolerated/37169/">कार्गो
टर्मिनल से फ्रेश सब्जियों को बाहर भेजने का कारोबार आज भी शुरुआती दौर में है. यहां से हर दिन केवल छह से सात टन कार्गो ही भेजे जा रहे हैं. इसमें भी सब्जियों का कारोबार आधे से भी कम है. राज्य के कृषि विभाग की उदासीनता के कारण किसानों की सब्जियां कार्गो तक पहुंच ही नहीं पा रही है. अधिकांश विमानों में कार्गो की जगह खाली जा रही है. इसे भी पढ़ें : राज्यसभा">https://lagatar.in/applications-invited-for-fellowship-and-internship-in-rajya-sabha-secretariat-see-update-here/37188/">राज्यसभा
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रांची एयरपोर्ट पर एयर कार्गो टर्मिनल चार साल पहले बना था
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर झारखंड सरकार ने चार साल पहले रांची एयरपोर्ट पर एयर कार्गो टर्मिनल बनवाया था. झारखंड में ताजा सब्जियों के अलावा कटहल, मटर, बीन, लाख, फूल आदि की पैदावार अधिक होती है. किसानों को एयर कार्गो की सुविधा उपलब्ध कराने से यहां की ताजा सब्जियां महज कुछ घंटों में महानगरों की मंडियों में बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएंगी. इसके किराए भी रेलवे और रोडवेज की अपेक्षा कम है. रांची एयरपोर्ट पर सभी एयरलाइंस ने अपने कार्गो सेंटर भी खोल रखे हैं. सामान्य स्थिति में रांची एयरपोर्ट से प्रतिदिन 90 टन कार्गो भेजने की क्षमता है. यहां से सालभर में 36000 टन से भी अधिक कार्गो भेजे जा सकते हैं. लेकिन मौजूदा समय में यह पांच से छह हजार टन कार्गो ही भेजा जा रहा है. कोविड-19 के पूर्व रांची एयरपोर्ट से 32 विमान सेवाओं का परिचालन होता था. इस दौरान भी रांची से केवल सात-आठ टन कार्गो ही भेजे जा रहे थे. कोविड-19 के कारण केवल 20 विमान सेवाएं उड़ान भर रही हैं. बावजूद इसके कार्गो से भेजी जाने वाली सामग्रियों की मात्रा छह से सात टन के बीच है.प्रतिदिन 60 टन से अधिक सब्जियां महानगर भेजी जा सकती हैं
एयर कार्गो टर्मिनल मैनेजर राजकुमार कहते हैं कि कोरोना काल के इस दौर में भी विमान सेवाएं कम होने के बावजूद प्रतिदिन 60 टन या इससे अधिक ताजा सब्जियां देश के महानगरों में भेजी जा सकती है. लेकिन राज्य सरकार ने किसानों के उत्पादों को कार्गो तक पहुंचाने के लिए संसाधन ही विकसित नहीं किए हैं. यह संस्था स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन ही क्रय-विक्रय, मार्केट सेंटर और पैकेजिंग आदि सुनिश्चित कर किसानों के उत्पादों को कार्गो तक पहुंचाती है. कार्गो अधिकारी निजी तौर पर कार्गो को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग से लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन परिणाम में सुधार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वह अधिकारी हैं और उनकी अपनी सीमाएं हैं. इसलिए वह ज्यादा कुछ कर नहीं सकते.- रांची से कार्गो का कारोबार भेजा गया रांची आया कुल
- जनवरी से मार्च 2017 का कारोबार 629 142 771
- अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 3,932 1,006 4,938
- अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 4,857 1,521 6,378
- अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 4,373 937 5,300 (सभी आंकड़े टन में)
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