Ranchi: वर्ष 2014 में बीजेपी सरकार की सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2015 की जुलाई महीने में कई विभागों का पुनर्गठन कर एक कर दिया था. रघुवर दास के कुर्सी संभालते वक्त झारखंड में कुल 43 विभाग थे. इनमें से 16 विभाग खुद रघुवर दास के पास थे. अब सत्तारुढ़ हेमंत सरकार ने एक बार फिर से योजना सह वित्त विभाग और गामीण विभाग के विखंडित किया है. सरकार के पास इससे पहले 31 विभाग थे, लेकिन अब इसकी संख्या 35 हो गयी है. सरकार के इस प्रपोजल पर राज्यपाल का हस्ताक्षर भी हो चुका है.
जानिए कौन विभाग हुए अलग
इससे पहले योजना सह वित्त विभाग एक साथ थे. दोनों विभाग के सचिव भी एक थे. लेकिन अब योजना को वित्त विभाग से अलग कर दिया गया है. अब योजना विभाग का नाम योजना एवं विकास विभाग हो गया है. अब यह विभाग राष्ट्रीय विकास परिसद, नीति आयोग, ग्रेटर रांची से संबंधित योजना, राज्य योजना पर्षद, राज्य विकास परिषद, विकास आयुक्त से जुड़े सारे विषय और 20 सूत्री कार्यक्रम के सभी इश्यू को देखेगा. वहीं वित्त विभाग वित्तीय प्रबंधन एवं बजट, वित्तीय संसाधन, अंकेक्षण एवं लेखा, कोषागार, भविष्य निधि एवं पेंशन जैसे काम को देखेगा.
वहीं ग्रामीण विकास विभाग को तीन हिस्सों में बांट दिया गया है. ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग. ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा, प्रखंड स्थापना, प्रखंड प्रशासन और प्रखंड से जुड़े सभी विकास के कार्यों को देखेगा. वहीं ग्रामीण कार्य विभाग सभी कार्यों का अनुश्रवण, समीक्षा, मूल्यांकन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसे कार्यों को देखेगा. पंचायती राज विभाग में पंचायती राज्य संस्थाएं, उनका प्रशासन, पंचायती राज्य से जुड़ी पंचवर्षीय योजना पेसा अधिनियम कार्यान्वयन एवं प्रबंधन, डीडीसी की स्थापना का आवंटन आदि कार्यों को पंचायती राज विभाग की देखरेख में होगा.