Ranchi : पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को 12 दिनों की पूछताछ के बाद आज सोमवार को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. एनआईए ने कोर्ट से दिनेश गोप से पूछताछ के लिए एक दिन की रिमांड मांगी. जिसके बाद कोर्ट ने एनआईए को दिनेश गोप से एक और दिन पूछताछ करने की इजाजत दे दी. (पढ़ें, दिवंगत पत्रकार परमानंद के परिजनों से मिले हुसैनाबाद विधायक, ढांढस बांधा)
भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुए
पिछले दिनों एनआईए ने पीएलएफआई टेरर फंडिंग मामले में झारखंड पुलिस के सहयोग से ऑपरेशन चलाये. इस दौरान एनआईए ने भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और गोला- बारूद बरामद किये. यह बरामदगी पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की निशानदेही पर एनआईए की टीम ने कार्रवाई करते हुए खूंटी, सिमडेगा और गुमला जिले से की.
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21 मई को गिरफ्तार हुआ था दिनेश गोप
एनआईए ने दिनेश गोप को बीते 21 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. दिनेश गोप के खिलाफ 102 आपराधिक मामले दर्ज थे और उस पर 30 लाख रुपये का इनाम भी था. वह वर्तमान में एनआईए की हिरासत में है. जांच के दौरान दिनेश गोप की निशानदेही पर जंगल में छिपाये गये गोला-बारूद को एनआईए ने बरामद किया था. स्थान के पहचान के लिए दिनोश गोप ने एनआईए टीम का नेतृत्व किया. झारखंड के खूंटी जिला के दिनेश गोप को कुलदीप यादव और “बडकू” के नामों भी से जाना जाता है. इससे पहले एनआईए द्वारा पीएलएफआई के लोगों से 25.38 लाख रुपये के विमुद्रीकृत मुद्रा की वसूली से संबंधित मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था.
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संगठन बेरोजगार युवकों को लालच देकर जोड़ता था
एनआईए की जांच के अनुसार, पहले झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (जेएलटी) के रूप में जाना जाता था, पीएलएफआई झारखंड में सैकड़ों आपराधिक घटनाओं के लिए जिम्मेदार है,जिसमें कई हत्याएं की घटना शामिल हैं. पीएलएफआई संगठन बेरोजगार युवकों को मोटर बाइक, मोबाइल फोन और आसानी से पैसा मुहैया कराने का लालच देता था.जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है.
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