NewDelhi : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने के लगभग दो साल बाद केंद्र सरकार अहम बैठक करने जा रही है. खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर के सभी दलों की बैठक बुलाई है. इसे कश्मीर में पॉलिटिकल प्रक्रिया की ओर अहा शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. जान लें कि हाल ही में कश्मीर के राजनीतिक दलों के गुपकार एलायंस ने कहा था कि वे केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.
इसे भी पढ़ें : भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड में अलर्ट, ऋषिकेश में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही
राजनीतिक अस्थिरता दूर करने को सेकर मंथन होगा
माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जारी राजनीतिक अस्थिरता दूर करने को सेकर मंथन होगा. सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव करवाने पर भी चर्चा हो सकती है. कश्मीर से अगस्त 2019 में जब आर्टिकल 370 को हटाया गया था तब मोदी सरकार पर आरोप लगा था कि यह फैसला कश्मीरी दलों और नेताओं को भरोसे में लिये बिना जबरन लिया गया. इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल को महत्वपूर्ण करार दिया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार सर्वदलीय बैठक के लिए नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन जैसे नेताओं को आज औपचारिक न्योता भेज दिया जायेगा. कश्मीरी नेताओं के साथ इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल होंगे.
इसे भी पढ़ें : संसदीय समिति ने ट्विटर से कहा, आपकी नीति नहीं, देश का कानून सर्वोपरि है, भारतीय कानूनों का पालन करें
मेहबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें दिल्ली से फोन आया है
सूत्रों के सरकार के इस सर्वदलीय बैठक में शामिल होने ना होने पर गुपकार एलायंस के नेता जल्दी ही फैसला करेंगे. पीडीपी की अध्यक्ष मेहबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें दिल्ली से फोन आया है और इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए 24 जून को बुलाया गया है, लेकिन मैंने जाने या न जाने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है.
कहा कि मैं अपनी पार्टी के नेताओं से बात करके फैसला लूंगी. मेहबूबा मुफ्ति के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को भी चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया है.
कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है
भाजपा और कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाइयों के भी इन चर्चाओं का हिस्सा होने की संभावना है, जिन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सामान्य राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले पाकिस्तान सरकार पर औपचारिक बयान जारी करके कश्मीर में किसी भी बदलाव के इरादे पर अपना विरोध जताया था, जिसपर भारत सरकार ने स्पष्ट किया था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है जिसमें पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है