New Delhi : प्रधानमंत्री मोदी आज मंगलवार को अयोध्या से सीधे कुरुक्षेत्र पहुंचे. यहां भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य शंख पांचजन्य के सम्मान में नवनिर्मित स्मारक का लोकार्पण किया.समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद थे. पीएम ने कहा कि कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण ने सत्य और न्याय की रक्षा को सबसे बड़ा धर्म बताया था.
श्री मोदी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की यह पवित्र भूमि सिख परंपरा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. सिख परंपरा के लगभग सभी गुरु अपनी पावन यात्रा के दौरान यहां आये थे. कहा कि आज सुबह मैं राम की नगर अयोध्या में था और अभी मैं गीता की नगरी कुरुक्षेत्र में हूं. गुरु तेग बहादुर जी ने अपने प्राण देकर धर्म की रक्षा की थी.
Guru Tegh Bahadur's life, sacrifice is great source of inspiration: PM Modi
— ANI Digital (@ani_digital) November 25, 2025
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ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ 350ਵੇਂ ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਿਵਸ 'ਤੇ, ਅਸੀਂ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਨੂੰ ਨਮਨ ਕਰਦੇ ਹਾਂ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬੇਮਿਸਾਲ ਹਿੰਮਤ ਅਤੇ ਸਰਵਉੱਚ ਬਲੀਦਾਨ ਲੱਖਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ। pic.twitter.com/wlmjWjyGUd
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जान लें कि महाभारत अनुभव केंद्र परिसर में भगवान कृष्ण के पवित्र शंख के सम्मान में स्मारक बनाया गया है, जो धर्म और सत्य की विजय का प्रतीक है. यह विशाल शंख लगभग 5 से 5.5 टन वजनी है. इसकी ऊचाई लगभग पांच मीटर है. खबर है कि इस अनुभव केंद्र को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकसित किया गया है.
इसके बाद पीएम मोदी गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित विशेष समागम में शामिल हुए, प्रधानमंत्री ने यहां गुरु तेग बहादुर के सम्मान में स्मृति सिक्का और डाक टिकट जारी किया. आयोजन 155 एकड़ क्षेत्र में किया गया. कार्यक्रम में 350 बालिकाओं ने कीर्तन प्रस्तुत किया. सिख मर्यादा और परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री सहित सभी विशेष अतिथि ज़मीन पर बिराजमान हुए.
इस अवसर पर पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने गुरुओं के हर तीर्थ को आधुनिक भारत के स्वरूप से जोड़ने का प्रयास किया है. पीएम ने करतारपुर कॉरिडोर, हेमकुंड साहिब, आनंदपुर साहिब का जिक्र करते हुए कहा, हमने गुरुजनों की गौरवशाली परंपरा को अपना आदर्श मानकर इन सारे कामों को पूरी श्रद्धा से पूरा करने का प्रयास किया है.
उन्होंने कहा कि कैसे मुगलों ने वीर साहिबजादों के साथ भी क्रूरता की सारी सीमाएं पार कर दी थीं. वीर साहिबजादों ने दीवार में चुना जाना स्वीकार किया. लेकिन अपने कर्तव्य और धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा. इन्हीं आदर्शों के सम्मान के लिए, अब हम हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाते हैं शाम में प्रधानमंत्री ब्रह्मसरोवर पर संध्याकालीन आरती में शामिल हुए.
समारोह से पूर्व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को विधिवत स्थापित किया. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह भी शामिल हुए. गुरु तेग बहादुर के सम्मान में स्मृति सिक्का और डाक टिकट जारी किया.
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