New Delhi : पीएम मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से आरएसएस की प्रशंसा किये जाने पर कांग्रेस ने हल्ला बोला है. पवन खेड़ा ने आरएसएस को राष्ट्रीय संदिग्ध संघ करार देते हुए कहा कि संघ ने अपने सौ साल का इतिहास में 25 साल अंग्रेजों मुखबिरी की.
आरएसएस (राष्ट्रीय संदिग्ध संघ) के सौ साल का इतिहास :
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) August 15, 2025
▪️25 साल अंग्रेज़ों की मुखबिरी
▪️25 साल तिरंगे और संविधान का तिरस्कार
▪️25 साल मंदिर-मस्जिद के झगड़े
▪️25 साल दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ साज़िश में गुज़ारे।
आज प्रधानमंत्री ने इस संगठन का नाम लाल… pic.twitter.com/1QI8fiNZ5Y
लाल किले की प्राचीर से आज प्रधानमंत्री का भाषण बासी, पाखंडी, नीरस और चिंताजनक था।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 15, 2025
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पवन खेड़ा ने कहा कि 25 साल तिरंगे और संविधान का तिरस्कार किया. आरएसएस ने 25 साल मंदिर-मस्जिद के झगड़े 25 साल दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ साज़िश में गुज़ारे.
आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने इस संगठन(आरएसएस) का नाम लाल क़िले से लेकर इस देश के संविधान का, इस देश के तिरंगे का अपमान किया है.
पीएम मोदी ने अपने लंबे भाषण(103 मिनट) में आरएसएस का गुणगान किया था. गर्व महसूस करते हुए कहा था कि 100 साल पहले एक संगठन(आरएसएस) का जन्म हुआ था. आएसएस राष्ट्र सेवा के सौ साल का इतिहास एक सुनहरा अध्याय है.
संघ के स्वयंसेवकों ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ मां भारती के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा NGO करार दिया था.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आरएसएस का नाम संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन से पहले संघ को खुश करने का हताश प्रयास बताया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके.
जयराम रमेश ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है. आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे. जल्द ही वे रिटायर भी होंगे.
सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा भाजपा ने धर्मनिरपेक्षता के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया था. कहाकि आरएसएस की विचारधारा धर्मनिरपेक्षता से मेल नहीं खाती.
जान लें कि स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर सर्वाधिक 17 बार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था. इंदिरा गांधी दूसरे स्थान पर है. उन्होंने 16 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था, पीएम मोदी 12 बार तीसरे स्थान पर हैं. उन्होंने 12 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
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