NewDelhi : कई राजनीतिक दल हैं जो चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करते हैं, उन्हें मैनिफेस्टो में भी डालते हैं. फिर, जब समय आता है वादा पूरा करने का, तो यही दल यू-टर्न ले लेते हैं और अपने ही किये वादों को लेकर हर तरह की मनगढ़ंत और झूठी बातें फैलाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने ओपन मैगजीन को दिये इंटरव्यू में यह बात कही.
उनकी नीतियां जनता की मुश्किलें कम करने वाली
पीएम मोदी ने सार्वजनिक जीवन में अपने 20 साल पूरे होने पर दिये गये इंटरव्यू में अपने राजनीतिक सफर के बारे में विस्तार से बात की है. कहा कि उनकी नीतियां जनता की मुश्किलें कम करने वाली होती हैं. इसलिए जब वो फैसला लेते हैं तो लोग समझते हैं कि ये प्रधानमंत्री हमारी परेशानी को समझता है, हमारे जैसा सोचता है और हमारे बीच से ही है.
अपनी छवि और PR मैनेजमेंट जैसे आरोपों पर पीएम मोदी ने मुखर होकर कहा कि लोगों का ये भरोसा, उनका ये जुड़ाव हर परिवार में ये भावना पैदा करता है कि मोदी हमारे ही परिवार का है. ये विश्वास किसी PR एजेंसी की बनाई हुई धारणा नहीं है, इस विश्वास को मेहनत और पसीने द्वारा कमाया गया है.
कृषि कानूनों का विरोध राजनीतिक धोखाधड़ी
इंटरव्यू को विस्तार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल पारित कृषि कानूनों के विरोध को राजनीतिक धोखाधड़ी करार दिया. कहा कि अगर आप किसान हित में किये गये सुधारों का विरोध करने वालों को देखेंगे तो आपको बौद्धिक बेइमानी और राजनीतिक धोखाधड़ी का असली मतलब दिखेगा. पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस, माकपा, टीएमसी, राजद सपा, बसपा आदि दल और उनके नेता थे.
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विरोधी दलों ने पूरी तरह यू-टर्न ले लिया है
पीएम मोदी के अनुसार ये वही लोग हैं जिन्होंने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर वही करने को कहा जो हमारी सरकार ने किया है. ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने मैनिफेस्टो में लिखा कि वे वही सुधार लागू करेंगे जो हम लेकर आये हैं. फिर भी, चूंकि हम एक अलग राजनीतिक दल हैं, जिसे लोगों ने अपना प्यार दिया है और जो वही सुधार लागू कर रहा है, तो उन्होंने पूरी तरह यू-टर्न ले लिया है और बौद्धिक बेइमानी का भौंडा प्रदर्शन कर रहे हैं.
मोदी ने कहा कि यह पूरी तरह से नजरअंदाज कर लिया गया है कि किसान हित में क्या है, सिर्फ यह सोचा जा रहा है कि राजनीतिक रूप से उन्हें फायदा कैसे होगा. पीएम के अनुसार, यही राजनीतिक धोखाधड़ी आधार, जीएसटी, कृषि कानूनों और यहां तक कि सैन्य बलों के हथियारों जैसे गंभीर मामलों पर देखी जा सकती है. वादा करो, उसके लिए तर्क दो और फिर बिना किसी नैतिक मूल्य के उसी चीज का विरोध करो.
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राजनीतिक दल अपना माखौल बना रहे हैंं
प्रधानमंत्री ने कहा, जो लोग ऐसे विवाद पैदा करते हैं, उन्हें लगता है कि मुद्दा ये नहीं कि इन फैसलों से जनता को फायदा होगा कि नहीं. उनके लिए मुद्दा ये है कि अगर इस तरह के फैसले लिये गये तो मोदी की सफलता को कोई रोक नहीं पायेगा. मोदी ने कहा, आपको नहीं लगता कि राजनीतिक दल अपना माखौल बना रहे थे जब उनके सदस्यों ने नयी संसद की जरूरत पर बात की, पिछले स्पीकर्स ने कहा कि नयी संसद की जरूरत है? लेकिन अगर कोई ऐसा करने चले तो वे लोग कुछ बहाने बनाकर विरोध करेंगे, यह कितना सही है?
पीएम मोदी ने कहा कि हम छोटे किसानों को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कृषि कानूनों को लेकर सरकार पहले दिन से कह रही है जिन बिंदुओं पर असहमति है, सरकार बैठकर उस पर बात करने के लिए तैयार है. इस संबंध में कई बैठकें भी हुई हैं लेकिन अभी तक कोई एक शख्स भी यह बता नहीं सका है कि किस बिंदु में बदलाव की जरूरत है.
मुझे आलोचना पसंद है
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आलोचना पसंद है. लेकिन दुर्भाग्य है कि आलोचना करने वालों की संख्या बहुत कम है. लोग बड़ी जल्दी आरोप लगाने लग जाते हैं, ऐसे समय में मैं आलोचना करने वाले लोगों को बहुत याद करता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आलोचना और आरोप में बहुत बड़ा अंतर होता है. आरोप वे लगाते हैं, जिनके पास मुद्दे से जुड़ी जानकारी बेहद कम होती है. जबकि, आलोचना करने के लिए अध्ययन और शोध करना पड़ता है. इसमें कड़ी मेहनत लगती है.
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