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पीएम मोदी ने कहा, वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना हम सबका सौभाग्य है, आज कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है...

New Delhi :  बंकिम चंद्र के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आज सोमवार को लोकसभा में विशेष चर्चा का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने देश की गुलामी का जिक्र किया. याद दिलाया कि जब वंदे मातरम् के 50 वर्ष पूरे हुए थे, तब देश गुलामी की जंजीरों में  बंधा हुआ था.

 

 

पीएम ने कहा कि जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष पूरे हुए, तब देश में आपातकाल लगा हुआ था. उस समय देशभक्तों को जेल में डाल दिया गया था.  जब वह गीत जिसने हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया, दुर्भाग्य से भारत एक काला दौर देख रहा था.

 

श्री मोदी ने कहा, वंदे  मातरम के 150 वर्ष उस गौरव और हमारे अतीत के उस महान हिस्से को फिर से स्थापित करने का एक अवसर है. इस गीत ने हमें 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया.

 

 पीएम मोदी ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, आज जब वंदे मातरम्  के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, तो भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. प्रधानमंत्री ने कहा, यह वह पवित्र वंदे मातरम् है जिसने स्वतंत्रता संग्राम को साहस और संकल्प का रास्ता दिखाया.

 

उन्होंने कहा कि  इस सदन में उसका स्मरण करना हम सबके लिए महान सौभाग्य और गर्व का विषय है. जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था,

 

 प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं. आज कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है.

 

 पीएम मोदी ने कहा कि वंदेमातरम् में हजारों वर्ष की सांस्कृतिक ऊर्जा भी थी.वंदेमातरम् में आजादी के जज्बे से भरा हुआ था. अंग्रेजों की समझ में आ गया था कि 1857 के बाद भारत में लंबे समय तक टिक पाना मुश्किल  है.  

 

अंग्रेज यह सोचने लगे कि जब तक भारत को बांटा नहीं जायेगा, लोगों को आपस में लड़ाया नहीं जाएगा, तब तक यहां राज  करना मुश्किल है. पीएम मोदी ने याद दिलाया कि  20 मई 1906 को बारीसाल (वर्तमान में बांग्लादेश) में वंदे मातरम् जुलूस निकाला गया.

 

जुलूस में 10 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. हिंदू- मुस्लिम समेत सभी धर्म और जातियों के लोगों ने वंदे मातरम् गाते हुए झंडे हाथ में लेकर सड़कों पर मार्च किया था.

 

पीएम मोदी ने कहा कि रंगपुर के एक स्कूल में जब बच्चों ने यह गीत गाया तो अंग्रेजी सरकार ने 200 बच्चों पर 5-5 रुपये का जुर्माना लगा  दिया. इसके बाद ब्रिटिश हुक्मरानों  ने स्कूलों में वंदे मातरम् गाने पर पाबंदी लगा दी थी. 

 

पीएम मोदी ने कहा कि खुदीराम बोस, अशफ़ाक उल्ला ख़ान, राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी हमारे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने वंदे मातरम् कहते हुए फांसी को चूम लिया.  

 

अंग्रेजों ने जब 1905 में बंगाल का विभाजन किया, तो वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा .पीएम ने कहा कि यह नारा गली–गली का स्वर बन गया.  

 

अंग्रेजों ने बंगाल विभाजन के माध्यम से भारत को कमजोर करने की दिशा पकड़ ली थी लेकिन वंदे मातरम् अंग्रेजों के लिए चुनौती और देश के लिए शक्ति की चट्टान बनता गया. बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् गली–गली का नारा बन गया था, और यही नारा बंगाल को प्रेरणा देता था.   

 

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