Kannur : प्रभावशाली सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के एक वरिष्ठ पादरी ने आज गुरुवार को कहा कि अमेरिका में यह कहने के बजाय कि भारत में भेदभाव नहीं है, प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर में ईसाइयों को यह भरोसा दिलाना चाहिए. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
मोदी राज्य में शांतिपूर्ण माहौल पैदा करें
थालास्सेरी आर्कबिशप मार जोसेफ पैंप्लेनी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी पूर्वोत्तर राज्य के ईसाइयों को यह भरोसा दिला सकें कि कोई भेदभाव नहीं है तभी उनके इस प्रकार के बयान को भारत के लोग गंभीर मानेंगे. उन्होंने कहा, अन्यथा कोई भी यह मान लेगा कि राज्य में हिंसा और हत्या की घटनाओं में शामिल लोगों को सरकार का मौन समर्थन है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस निर्णय के लिए स्वतंत्र हैं कि उन्हें किस पर प्रतिक्रिया देनी है, लेकिन प्रतिक्रिया से परे उनसे उम्मीद की जाती है कि वह राज्य में शांतिपूर्ण माहौल पैदा करें.
जान लें कि पिछले दिनों केरल के एक ईसाई संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी असेंबली ऑफ क्रिश्चियन ट्रस्ट सर्विसेज (एसीटीएस) ने पत्र में कहा कि चूंकि मणिपुर में अब तक समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है, इसलिए केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे,
आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं.
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