Chakradharpur (Shambhu Kumar) : समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन चक्रधरपुर ने चिंता जतायी है. बुधवार को अंजुमन का एक प्रतिनिधिमंडल अनुमंडल पदाधिकारी रीना हांसदा से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में अंजुमन ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री से पुनर्विचार की अपील की. वहीं अंजुमन के अध्यक्ष मो. तजम्मुल हुसैन जॉनी ने कहा कि संभव हो तो सरकार इसे निरस्त करे. भारत बहुतायत और विविधताओं का देश है. इसे भी पढ़ें : साहिबगंज">https://lagatar.in/sahibganj-congressmen-burnt-effigy-of-mp-cm-shivraj-singh/">साहिबगंज
: कांग्रेसियों ने एमपी के सीएम शिवराज सिंह का पुतला फूंका संविधान के अनुच्छेद-25-के तहत हर नागरिक को धर्म को स्वतंत्रता से मान्यता देने, आभास करने और प्रचार करने का अधिकार दिया गया है, जबकि अनुच्छेद 26 (बी) हर धार्मिक संप्रदाय को धार्मिक मामलों में अपने कामकाज का प्रबंध करने का अधिकार देता है. इसके अलावा अनुच्छेद-29 में धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का प्रावधान किया है. उनके अद्वितीय संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार प्रदान करता है. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-teachers-union-met-minister-mithlesh-kumar-thakur/">चाईबासा
: मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर से शिक्षक संघ ने की मुलाकात यह अनुच्छेद हमारे देश की सर्वधर्म सम्भाव और सभी धर्मों के प्रति सम्मान के प्रतिबद्धता की मिसाल प्रस्तुत करता है. समान नागरिक संहिता के प्रस्ताव को इन अधिकारों के विरोध और हमारे देश के बहुतायत सांस्कृतिक प्रारूप के लिए संभावित खतरा माना जा सकता है. इसके संभव हो तो देशहित में इस कानून को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए. प्रतिनिधिमंडल में तजम्मुल हुसैन के अलावा हाजी अब्दुल हकीम, हाजी रमजान अली, साजिद अमीन मौजूद थे. [wpse_comments_template]
समान नागरिक संहिता पर पुनर्विचार करें पीएम : सेंट्रल अंजुमन

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