Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घूम रहे हैं. गढ़वा गये, चाईबासा गये अच्छा है. उन्हें भी एहसास हो गया कि बीजेपी इस चुनाव में पराजित है. चाईबासा, गढ़वा में जो रैली हुई. अमित शाह कल झूठ का पुलिंदा जारी किये. उसमें कोई विशेष बात नहीं, वह परिवारवाद पर बोले, बीजेपी अब परिवारवाद पर बोलेगी. वह सोमवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से मीडिया कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पीएम यह कौन सा परिवारवाद जब बोलने के लिये कुछ नहीं तो ऐसी बात क्यों. डबल इंजन की सरकार 2019 में थी, 2014 से थी. इस अवधि में कितने उद्योग लगे, कितने बंद हो गये. पीएम आप के मुंह से झूठ निकले यह ठीक नहीं. चुनाव से पहले जमशेदपुर गये, वंदे भारत को हरी झंडी दिखाया, आज से शुरू हुई जो गया से चली. 12 वंदे भारत हो गई. गया से रांची, रांची से चाईबास तक. 9 वंदे भारत रेल मंत्रालय चला रही, 3 पीएम चला दिये. 3 वंदे भारत कहा से आ गये. उन्होंने कहा कि रेलवे से पता किया तो पता चला कि गया से गढ़वा तक आज चलाई गई, गया से रांची, रांची से चाईबासा 3 हो गये. पीएम का इतना हल्का भाषन बोलने के लिये कुछ नहीं. बस एक बात का अपमान हो रहा, विदेशों में जो भारतीय लोग रहते थे, नागरिकता बताने में शर्म करते थे, पीएम ने कहा मेरे आने के बाद गर्व करते हैं. सुप्रियो ने कहा कि 2.20 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी विदेश के लिये. विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय में पेश हुए हैं, संसद में पेश हुए हैं.
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प्रधानमंत्री जी को इतना झूठ नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि हरियाणा की जनता भी उन्हें सुन रही थी. अभी तक विज्ञापन भी नहीं निकला तो फिर आवेदन कहां से हो गया और नियुक्ति कहां से हो गई. चाईबासा की सभा में प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले ही मैदान खाली होने लगा. लोगों को ढोकर लाया गया था. हमारी सरकार ने हो भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कैबिनेट से निर्णय लिया और मोदी जी कहते हैं कि यह मोदी की गारंटी है. सरना धर्मकोड की गारंटी क्यों नहीं देते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए. जातीय जनगणना तक की घोषणा नहीं की गई. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हरमू मैदान में अंकिता नाम की एक लड़की के पिता को अपमान करने का काम किया था. इसके गवाह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश भी हैं. भ्रष्टाचार पर बात करने वाले प्रधानमंत्री के बगल में भानु प्रताप शाही और कमलेश सिंह बैठे हुए थे. उन्हें कहना चाहिये, हमने झारखंड में आकर जो घोषणाएं की, उसको लागू नहीं किया इसके लिए हमें माफ कर दें. एक हताश, निराश और पराजित स्टार प्रचारक लौट कर चले गएएक मुख्यमंत्री माचिस लेकर प्रचार करने आयेंगे वो बाटेंगे तो काटेंगे का नारा देंगे.
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