JPSC : लगातार फजीहतों के बाद गिर सकती है आयोग के कई अधिकारियों पर गाज!
छतरपुर, हरिहरगंज में अक्टूबर के बाद एक भी लाभुक को भुगतान नहीं
राज्य के 10 नगर निकाय पीएम स्वनिधि योजना में फिसड्डी साबित हुए हैं. इनमें छतरपुर, हरिहरगंज, धनबाद, रांची, आदित्यपुर, जमशेदपुर, जामताड़ा, साहेबगंज, राजमहल और बडहरवा शामिल हैं. इनमें से दो नगर निकाय में अक्टूबर के बाद से अबतक एक भी लाभुक को भुगतान नहीं हुआ है. अक्टूबर 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, छतरपुर में 400 में से 299 आवेदन प्रक्रियाधीन थे और 77 का भुगतान हुआ था. अक्टूबर से जनवरी तक यहां एक भी लाभुक को भुगतान नहीं हुआ. वहीं हरिहरगंज में भी अक्टूबर तक के 94 लाभुकों के बाद किसी लाभुक का भुगतान नहीं हुआ.10 नगर निकाय 30% लाभुकों को भी ऋण नहीं दे सके
| नगर निकाय | टारगेट | प्रक्रियाधीन | भुगतान | प्रतिशत |
| छतरपुर | 400 | 406 | 77 | 17.3 |
| हरिहरगंज | 400 | 201 | 94 | 23.5 |
| धनबाद | 19940 | 7644 | 3934 | 26.3 |
| रांची | 14700 | 7072 | 3375 | 23.0 |
| आदित्यपुर | 2400 | 1257 | 695 | 29.0 |
| जमशेदपुर | 9280 | 4227 | 2570 | 27.7 |
| जामताड़ा | 400 | 168 | 116 | 29.0 |
| साहेबगंज | 1200 | 559 | 184 | 15.3 |
| राजमहल | 550 | 519 | 116 | 21.2 |
| बड़हरवा | 350 | 152 | 94 | 26.9 |
नगर निकायों के उदासीन रवैये के कारण योजना की रफ्तार सुस्त
कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके स्ट्रीट वेंडरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देशभर में पीएम स्वनिधि योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत ऐसे स्ट्रीट वेंडर जो फल, सब्जियां बेचते हैं या रेहड़ी पर छोटी-मोटी दुकान लगाते हैं, उन्हें दस हजार रुपये तक का ऋण आसानी से बैंकों के माध्यम से मुहैया कराया जाता है. योजना की खास बात यह है कि जो स्ट्रीट वेंडर एक साल के भीतर ऋण चुका देते हैं, उनके ब्याज का भुगतान सरकार के स्तर से किया जाता है. लेकिन झारखंड में नगर निकायों की उदासीनता और बैंकों के रवैये के कारण इस योजना की रफ्तार बेहद धीमी है. इसे भी पढ़ें - टेरर">https://lagatar.in/terror-funding-part-6-know-which-businessmen-and-extremists-are-still-off-the-radar-of-nia/">टेररफंडिंग पार्ट- 6 : जानें कौन-कौन से कारोबारी और उग्रवादी अब भी हैं NIA के रडार से दूर [wpse_comments_template]

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