NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उन्हें समर्पित स्मारक के एक मॉडल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन करेंगे. प्रस्तावित स्मारक रॉस द्वीप में स्थापित किया जाएगा, जिसका नाम 2018 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था.
“Today, on Parakram Diwas, I pay homage to Netaji Subhas Chandra Bose & recall his unparalleled contribution to India’s history. He will be remembered for his fierce resistance to colonial rule. We are working to realise his vision for India,” tweets Prime Minister Narendra Modi pic.twitter.com/QjkleZruWB
— ANI (@ANI) January 23, 2023
Amit Shah arrives at Port Blair to participate in Subhas Chandra Bose jayanti
Read @ANI Story | https://t.co/OUCKonVruU#AmitShah #SubhasChandraBosejayanti #PortBlair pic.twitter.com/BHw1zjD6dq
— ANI Digital (@ani_digital) January 22, 2023
प्रधानमंत्री देश को संबोधित भी करेंगे
एक अधिकारी ने बताया कि इसमें एक संग्रहालय, एक केबल कार रोपवे, एक लेज़र-एंड-साउंड शो, विरासत से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक इमारतें प्रदर्शित की जाएंगी और बच्चों के लिए एक थीम-आधारित पार्क होगा. प्रधानमंत्री ऑनलाइन इसका उद्घाटन करने के बाद देश को संबोधित भी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी इसके अलावा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने के एक समारोह में भी शामिल होंगे.
23 जनवरी का दिन पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है
उल्लेखनीय है कि नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. अधिकारी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने परमवीर चक्र विजेताओं को सम्मानित करने के लिए यह पहल की है. 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में और पांच दक्षिण अंडमान में स्थित हैं.’’ इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराएंगे.
शाह रविवार देर रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे थे
अमित शाह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दो दिवसीय दौरे पर रविवार देर रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे थे. अधिकारियों ने बताया कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह आज उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे. इस मैदान का नाम अब ‘नेताजी स्टेडियम’ है.
शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने की भी संभावना है, जहां भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था.