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कोयला संकट पर PMO ने बनायी योजना,  राज्यों को चेतावनी, ऊंची कीमतों पर बिजली बेची, तो सप्लाई बंद कर देंगे

NewDelhi :  प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में मंगलवार को बिजली और कोयला संकट को लेकर बैठक हुई. खबर है कि बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा के साथ कोयला सचिव अनिल कुमार जैन, बिजली सचिव आलोक कुमार और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने हिस्सा लिया. बैठक में बिजली संयंत्रों (Power Plants) को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए योजना तैयार की गयी. इसे भी पढ़ें : UNSC">https://lagatar.in/in-unsc-india-gave-advice-to-the-world-saying-we-have-failed-to-recognize-the-formidable-forms-of-anti-hindu-religious-terror/">UNSC

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रोजाना 200,000 टन कोयले की अतिरिक्त आपूर्ति करने का निर्देश

इस क्रम में केंद्रीय बिजली मंत्रालय (Ministry of Power) ने निर्देश जारी कर कहा कि अपने ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करने के बजाय ऊंची कीमतों पर बिजली बेचने वाले राज्यों को बिजली की आपूर्ति बंद कर दी जायेगी. हिंदुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी है. बैठक में कोल इंडिया की मौजूदगी भी रही. उसे कहा गया कि कोयले की आपूर्ति  बढ़ाकर 2.1 मिलियन टन प्रतिदिन करने के लिए रोजाना 200,000 टन कोयले की अतिरिक्त आपूर्ति की जानी सुनिश्र्चित करें. इसे भी पढ़ें : सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-13-october-criminals-became-unbridled-elephants-entered-the-city-dhonis-big-heart-a-horrific-accident-in-nepal-including-many-news-and-videos/">सुबह

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कोयले का परिवहन बढ़ाने के उपायों पर मंथन

सूत्रों के अनुसार, बैठक में बिजली सचिव आलोक कुमार और कोयला सचिव एके जैन ने कोयला तथा बिजली की उपलब्धता के बारे में विस्तार से बताया.  कोयले का परिवहन बढ़ाने के उपायों पर भी मंथन किया गया. सूत्रों की मानें तो  कोयला मंत्रालय से ईंधन आपूर्ति बढ़ाने और रेलवे से बिजलीघरों तक कोयले की ढुलाई को लेकर रैक उपलब्ध कराने को कहा गया.  बता दें कि देश में कोयले की कमी से विभिन्न राज्यों में बिजली की कटौती हो रही है. देश में कुल ऊर्जा उत्पादन में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत है. इसे भी पढ़ें : नेपाल">https://lagatar.in/horrific-road-accident-in-nepal-bus-falls-into-river-23-killed/">नेपाल

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 बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा की बात गलत

जानकारी के अनुसार  दो-तिहाई कोयला आधारित बिजलीघरों में एक सप्ताह या उससे कम का ईंधन भंडार बचा हुआ है. लेकिन कोयला मंत्रालय का कहना है कि  बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा की बात गलत है.   केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने संकट दूर करने के लिये निर्देश जारी किये हैं. इसमें जहां राज्यों से एक्सचेंज को बिजली ऊंचे दाम पर बेचने से मना किया गया है. साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बिजली उत्पादकों से हर हाल में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया है.

कोयला आपूर्ति अभी 19.5 लाख टन प्रतिदिन है

बता दें कि  इससे इतर एक कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार बिजली उत्पादकों की कोयले की मांग को पूरा करने के लिए प्रयासरत है. कहा कि कोयला आपूर्ति अभी 19.5 लाख टन प्रतिदिन है जिसे बढ़ाकर 20 लाख टन प्रतिदिन करने की कवायद हो रही है. मंत्री ने कहा,  सोमवार को आपूर्ति 19.5 लाख टन रही है. इसमें से 16 लाख टन कोयला कोल इंडिया ने तथा शेष सिंगरोली कोलियरीज कंपनी ने भेजा. कुल मिलाकर 19.5 लाख टन की आपूर्ति हुई जोशी ने कोयले के वाणिज्यिक खनन की तीसरे चरण की नीलामी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘2020-21 अक्टूबर या उससे पहले हम 20 लाख टन की आपूर्ति पर पहुंचने का प्रयास करेंगे. यह भी एक रिकॉर्ड होगा.’ मंत्री ने सभी पक्षों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति का भरोसा दिलाया. [wpse_comments_template]  

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