Vinit Abha Upadhyay Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि कोई भी उम्मीदवार नियुक्ति से पहले किए गए नीतिगत बदलावों को चुनौती नहीं दे सकता. दरअसल झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने कंपाउंडर और फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. विज्ञापन में कंपाउंडर और फार्मासिस्ट का वेतनमान 5200-20200 रुपये और ग्रेड पे 2800 रुपये दिखाया गया था. कंपाउंडर और फार्मासिस्ट के पदों के लिए आवश्यक योग्यता को समान रखा गया था. लेकिन झारखंड पारा मेडिकल स्टाफ कैडर (नियुक्ति, पदोन्नति और अन्य सेवा शर्तें), 2016 के नियम 16 (ii) में संशोधन करते हुए कंपाउंडर के वेतनमान को 2800 रुपये से घटाकर 1900 रुपये कर दिया गया. जिसके बाद संतोष कुमार एवं अन्य 11 लोगों ने वेतनमान घटाने के आदेश को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि कंपाउंडर और फार्मासिस्ट का वेतनमान एक ही है और इसके अलावा दोनों पदों के लिए पात्रता भी समान है, इसलिए कंपाउंडर का ग्रेड वेतन कम नहीं किया जा सकता. वहीं राज्य सरकार की ओर से यह तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ताओं ने कम वेतनमान पर पदभार ग्रहण किया है, इसलिए वे उच्च वेतनमान का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि वेतनमान कम करने का निर्णय याचिकाकर्ताओं के पदभार ग्रहण करने से पहले लिया गया था. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. इसे भी पढ़ें : बानू">https://lagatar.in/banu-mushtaqs-heart-lamp-wins-international-booker-prize/">बानू
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नियुक्ति से पहले हुए नीतिगत बदलावों को चुनौती नहीं दी जा सकती : हाईकोर्ट

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