- चंदा के नाम पर टैक्स चोरी में शामिल हैं कई राज्यों के राजनीतिक दल.
- उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय विकासवादी जनता पार्टी आया आयकर की गिरफ्त में.
- हरियाणा की भारतीय संत मत पार्टी भी चंदा के नाम पर टैक्स चोरी में शामिल.
- गुजरात की आम जनमत पार्टी, स्वतंत्र अभिव्यक्ति पार्टी और न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी शामिल.
Ranchi : झारखंड आयकर विभाग ने राजनीतिक चंदा के नाम पर टैक्स चोरी करने में शामिल उत्तर प्रदेश और हरियाणा की पार्टियों को भी अपनी गिरफ्त में लिया है. बेंगलूरु की एक कंपनी ने पिछले पांच साल के दौरान गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा के भी कुछ राजनीतिक दलों को 30-35 करोड़ का चंदा दिया है.
मामले के पकड़ में आने के बाद बेंगलूरु की कंपनी ने 15 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करा दिया है. राजनीतिक चंदा के नाम पर टैक्स चोरी करने वालों की ओर से अब तक करीब 50 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा कराया जा चुका है.
झारखंड आयकर विभाग ने राजनीतिक चंदा के सहारे टैक्स चोरी की जांच के दौरान गुजरात की आम जनमत पार्टी के ठिकानों पर छापा मारा था. अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुई इस छापामारी के दौरान आम जनमत पार्टी द्वारा 2000 करोड़ रुपये चंदा लेने और कमीशन काट कर बाकी पैसा लौटाये जाने का मामला पकड़ में आया था.
टैक्स चोरी के इस धंधे में शामिल राजनीतिक दल के CA और हवाला कारोबारियों से पूछताछ के दौरान इस तरह के धंधे में और भी राजनीतिक दलों के शामिल होने जानकारी मिली. इनमें गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा की राजनीतिक पार्टियां भी शामिल पायी गयी. इसमे उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय विकासवादी जनता पार्टी और हरियाणा की भारतीय संत मत पार्टी का नाम शामिल है.
चंदा लेने वालों में आम जनमत पार्टी के अलावा गुजरात की दो और नयी पार्टियां भी शामिल पायी गयी है. इन पार्टियों में स्वतंत्र अभिव्यक्ति पार्टी और न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी का नाम शामिल है.
जांच में पाया गया कि बेंगलुरू की एक कंपनी ने आम जनमत पार्टी को 1.50 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया. इसके अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश की भी कुछ राजनीतिक दलों को चंदा देने की जानकारी मिली. आम जनमत पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों को राजनीतिक चंदा देने की जानकारी के बाद मामले की विस्तृत जांच के लिए बेंगलूरु की कंपनी को समन भेजा गयी. कंपनी के पदाधिकारियों ने पहले तो गोल मोल जवाब दिया.
हालांकि पूछताछ के दौरान बाद में अपनी गलती मान ली. साथ ही टैक्स व दंड जमा करने और संशोधित रिटर्न दाखिल करना स्वीकार किया. इसके बाद बेंगलुरू की कंपनी ने 15 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करा दिया है. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(8A) के तहत टैक्स भरने में गलती होने पर संशोधित रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने का प्रावधान है.
आयकर विभाग द्वारा जारी जांच के दौरान आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80GGB/80GGC का गलत इस्तेमाल कर आयकर की चोरी के मामले में झारखंड,बिहार, सहित देश के कई अन्य राज्यों के युवा प्रोफेशनल के अलावा कुछ कंपनियां भी शामिल पायी गयी है.
इसके अलावा राजनीतिक चंदा के नाम टैक्स चोरी करने वालों में धारा 80GGB/80GGC का गलत लाभ उठाने की सलाह देने वाले Chartered Accountant( CA) भी शामिल पाये गये है. इस तरह के CA के खिलाफ आयकर विभाग की ओर Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) को लिखा जा चुका है.


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