Vijay Kesari
2024 का लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण की ओर बहुत ही तेजी के साथ आगे बढ़ता चला जा रहा है. एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ने इस लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. एनडीए ओर इंडिया गठबंधन के तमाम नेता गण चुनाव प्रचार में जी-जान से जुटे हुए है. 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 2024 के चुनाव में ज्यादा रोड शो और चुनावी सभाएं हो रही हैं. दोनों ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं. एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेतागण देश की जनता को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए एक से बढ़कर एक लोक लुभावनी घोषणाएं करते जा रहे हैं. चुनाव जीतने के बाद जनता से किए गए वादे कितने पूरे हो पाएंगे, यह तो समय ही बताएगा. देश की जनता इन लोक लुभावनी घोषणाओं से कितना प्रभावित हो पाती हैं? यह परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा. यह तय है कि चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए और इंडिया गठबंधन में किसी एक गठबंधन की ही सरकार बनेगी. अगर एनडीए की सरकार बनती है, तबके राजनीतिक परिदृश्य क्या उभर कर सामने आएंगे? इस चुनाव में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है, तबका राजनीतिक परिदृश्य कैसा होगा? अर्थात 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन की बनने वाली सरकार से उभरते राजनीतिक परिदृश्य पर विचार करना समय का तकाजा है.
एनडीए ने इस लोकसभा चुनाव में चार सौ पार सीटें जीतने का दावा किया है. एनडीए का यह दावा कितना सच अथवा झूठ साबित हो पाता है? स्पष्ट होने में अब ज़्यादा दिन शेष नहीं बचे हैं. ईवीएम मशीनों में ये दावे बंद होते चले जा रहे हैं. एनडीए मोदी की गारंटी पर यह चुनाव लड़ रहा है. भाजपा अपने चुनाव प्रचार में हर ओर मोदी की गारंटी का दावा कर रही हैं. अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत आता है, तब नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री होंगे. कैबिनेट मंत्रिमंडल में कुछ नए लोग जरूर शामिल होंगे, किन्तु प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के पद पूर्व के ही नेता गण शपथ ग्रहण करेंगे, ऐसा समझा जा सकता है.
एनडीए की सरकार अपने पुराने राष्ट्रवादी एजेंडे को ही लेकर आगे बढ़ेगी. ऐसी संभावना है. इसमें किसी भी तरह की कोई मतभिन्नता दिखाई नहीं पड़ती है. वहीं दूसरी ओर अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलता है, तब इस जीत के बाद देश में राजनीतिक परिदृश्य किस रूप में उभरेगा? सर्वविदित है कि इंडिया गठबंधन का गठन एनडीए को 2024 के लोकसभा चुनाव में हराने के लिए हुआ. इंडिया गठबंधन में शामिल सभी नेता एनडीए को पुनः देश की सत्ता नहीं सौंपने के लिए कृत संकल्प हैं. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी मंचों पर साफ कह रहे हैं कि इस बार देश में मोदी की सरकार नहीं बनेगी.
2024 के लोकसभा सभा चुनाव में एनडीए की हार हो जाती है और इंडिया गठबंधन की जीत हो जाती है. तब इंडिया गठबंधन में अगले प्रधानमंत्री को लेकर विवाद उठना तय है. इंडिया गठबंधन के लिए वह समय राजनीतिक तौर पर मुश्किल भरा होगा. इंडिया गठबंधन की अब तक हुई बैठकों से यह तय नहीं हो पाया कि अगर इंडिया गठबंधन को देश की जनता बहुमत देती है, तब देश के अगला प्रधानमंत्री किस पार्टी का नेता होगा? इस मुद्दे पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है. इंडिया गठबंधन में शामिल नेताओं का मत था कि सर्वप्रथम हम सब मिलजुलकर एनडीए को सत्ता से बेदखल करना है. इस निमित्त एक होकर मिलजुलकर चुनाव लड़ना है.
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस पार्टी एक बड़ी पार्टी के रूप में शामिल है. कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटों पर कांग्रेस पार्टी ही चुनाव लड़ रही है. स्वाभाविक है कि सबसे अधिक सीटें कांग्रेस पार्टी को ही आएंगी. इंडिया गठबंधन में टीएमसी, सीपीआईएम, डीएमके, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, पीपीडी, आरएलडी, सीपीआई(एमएल), इंडियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (एम), मनीथानेया मक्कल कांची (ए.एम.के.) वीसीके, आरएसपी, केरल कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी, पीजेंट्स और वर्कर पार्टी ऑल इंडिया सहित कई अन्य दल भी शामिल हैं.
इंडिया गठबंधन में टीएमसी शामिल जरूर है, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस पार्टी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. वही पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश, जहां लोकसभा की सबसे अधिक सीटें हैं, वहां इंडिया गठबंधन की एकता जरूर दिख रही है. इंडिया गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि इस बार के चुनाव में एनडीए को करारी शिकस्त देंगे. एनडीए को सत्ता में दूर करने के लिए ये नेता गण एक मंच पर जरूर आ गए हैं, लेकिन सबों को गठबंधन धर्म को निभाना भारी पड़ेगा. अगर इंडिया गठबंधन को 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुमत मिलता है, तब गठबंधन का कौन नेता अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इसपर एक राय बनाना आसान नहीं होगा. किसी एक नेता को प्रधानमंत्री रूप में चयन कर लेते हैं, तब मंत्रिमंडल गठन करना भी आसान नहीं होगा. सभी पार्टियां अपनी-अपनी सीट के हिसाब से मंत्रिमंडल में जगह चाहेंगी. इंडिया गठबंधन के समक्ष ऐसी कई क्रिटिकल राजनीतिक स्थितियां उत्पन्न होती रहेंगी.
डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.