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झारखंड की शराब नीति पर सियासी तूफान रघुवर दास ने उठाये सवाल, सीबीआई जांच की मांग

 Ranchi :  झारखंड की नयी शराब नीति को लेकर राज्य की सियासत गरमा गयी है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को पलामू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झारखंड सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नयी शराब नीति से राज्य को नुकसान हो रहा है. सरकार के मंसूबे ठीक नहीं हैं. सीबीआई जांच की मांग रघुवर दास ने झारखंड की शराब नीति में गड़बड़ी को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि 2022 में सत्तारूढ़ दल के विधायक शराब नीति को लेकर छत्तीसगढ़ गए थे और 21 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक एक होटल में रुके थे. उन्होंने सीबीआई से जांच की मांग की है कि आखिर होटल में ठहरने का खर्चा किसने दिया. कैबिनेट या ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी, कौन है बड़ा? पूर्व सीएम रघुवर दास ने पूछा कि झारखंड में कैबिनेट बड़ी है या ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट से आदिवासी बहुल इलाकों में शराब की दुकान खोलने का निर्णय लेती है, फिर बाद में इसे टीएसी को भेजा जाता है. 2022 में झारखंड सरकार ने शराब नीति को बदल दिया  पूर्व सीएम ने कहा कि उनके कार्यकाल में बनायी गयी शराब नीति से राज्य सरकार को 1000 करोड़ की जगह 2000 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि 2022 में झारखंड सरकार ने शराब नीति को बदल दिया और छत्तीसगढ़ की शराब नीति को अपनाया था. रघुवर दास ने क्या कहा - झारखंड सरकार ने 2022 में छत्तीसगढ़ की शराब नीति को अपनाया था. - राज्य सरकार को पूर्व सीएम के कार्यकाल में 2000 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. - सत्तारूढ़ दल के 22 विधायक 21 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक छत्तीसगढ़ के एक होटल में रुके थे. - पूर्व सीएम ने सीबीआई जांच की मांग की है कि आखिर होटल में ठहरने का खर्चा किसने दिया.

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