Patna : आरजेडी सांसद मनोज झा के राज्यसभा में दिये बयान पर बिहार की सियासत गर्म है. बाहुबली नेता आनंद मोहन, आरजेडी विधायक चेतन आनंद के बाद अब बीजेपी विधायक नीरज बबलू ने भी मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुस्से-गुस्से में नीरज बबलू ने भी विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि अगर मनोज झा मेरे सामने ये बयान देते तो पटक के मुंह तोड़ देता. उन्होंने आगे कहा कि ठाकुरों ने देश की रक्षा की है. ठाकुर नहीं होते तो हिंदुस्तान का नाम मुगलिस्तान होता. मनोज झा राजद के कहने पर ऐसे बयान दे रहे हैं.
मनोज झा को अपने अंदर के ब्राह्मण को मारने की जरुरत
राजद विधायक चेतन आनंद ने भी मनोज झा पर हमला बोला है. चेतन आनंद ने कहा कि ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलता है. समाजवाद के नाम पर किसी एक जाति को टारगेट करना धोखेबाजी है. ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कहा कि राज्यसभा में जब मनोज झा बोल रहे थे तो उन्होंने कविता के जरिये ठाकुर समाज को पूरी तरीके से विलेन के रूप में पेश किया. मनोज झा ब्राह्मण हैं, इसीलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ किसी कविता का इस्तेमाल नहीं किया.यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कहा कि उस समय अगर वो सदन में होते तो वहीं धरने पर बैठ जाते. बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि जो कहते हैं कि अपने अंदर के ठाकुर को मारने की जरूरत है, वो पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारें. जो पूरे देश को संचालित करता है. आगे रकहा कि जब बहस महिला आरक्षण बिल पर चल रही थी तो फिर बीच में ठाकुर कैसे आ गया.
मनोज झा ने कही थी ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता
आरजेडी सांसद मनोज झा ने सदन में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता सुनायी थी. उन्होंने कहा था कि “चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का. भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का. बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की. कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?” इस कविता का जिक्र करते हुए मनोज झा ने सभी को अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी.