NewDelhi : बिहार से दिल्ली तक राजनीति तेज हो गयी है. खबर है कि बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी आज गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने वाले हैं. इससे पहले कल बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केजरीवाल से मुलाकात की थी. जान लें कि नीतीश 2024 लोकसभा चुनाव से पहले वे भाजपा के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने की कोशिश में जुटे हैं.
अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात गैर-राजनीतिक है
इसी बीच मांझी द्वारा अमित शाह से मुलाकात के कई सियासी मायने हैं. मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में शामिल है. हालांकि मांझी की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात गैर-राजनीतिक है. जानकारी के अनुसार जीतन राम मांझी माउंटेन मैन दशरथ मांझी सहित बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग को लेकर अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं.
मांझी के रिश्ते नीतीश कुमार से ठंडे चल रहे हैं
सूत्र बताते हैं कि मौजूदा समय में मांझी के रिश्ते नीतीश कुमार से ठंडे चल रहे हैं. कहा जा रहा है कि जीतन राम खुद को महागठबंधन में अलग-थलग पा रहे हैं, ऐसे में कयास लग रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कहीं मांझी एनडीए में शामिल न हो जायें. 2020 विधानसभा चुनाव में उन्होंने नीतीश की पार्टी के साथ गठबंधन किया था, जो उस समय एनडीए में थे.
राज्य में जदयू, राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के महागठबंधन की सरकार है
लेकिन जब नीतीश कुमार ने भाजपा से किनारा करते हुए महागठबंधन के साथ सरकार बनाई, जीतन राम मांझी भी महागठबंधन में शामिल हो गये थे. बिहार की राजनीति की बात करें तो अभी राज्य में जदयू, राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के महागठबंधन की सरकार है. इसे देखते हुए भाजपा चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, जदयू के पूर्व नेता आरसीपी सिंह, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को अपने पाले में करने की कवायद में जुट गयी है.