पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023: शारीरिक पात्रता परीक्षण का एडमिट कार्ड जारी
प्रदूषण से बिरहोर की भी हो चुकी है मौत
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alt="xvbb" width="600" height="400" /> इसी चट्टी बारियातू कोयला खनन परियोजना में प्रदूषण का प्रभाव इस कदर है कि आदिम जनजाति परिवार के किरनी बिरहोर और दुर्गा बिरहोर की मौत हो गई. गांव के बुजुर्ग लोग दमा बीमारी की मार झेल रहे हैं. अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में दोनों की मौत को लेकर मामला भी दर्ज किया गया है. मानवाधिकार आयोग ने जनजातीय समुदाय के मौत को काफी गंभीरता से लिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों गांव के नागो महतो की दो गाय जिसमें एक गर्भवती थी, उन दोनों की मौत बढ़ते प्रदूषण के कारण हो गई.
प्रभावित लोगों की पहचान की जा रही
अब गांवों में कैंप लगाकर खांसी दमा से प्रभावित लोगों की पहचान की जा रही है. चट्टीबारियातू माइंस क्षेत्र के मुखिया झरीलाल महतो ने प्रदूषण को लेकर बताया है कि माइंस एरिया से बाहर लगी फसल प्रदूषण के कारण नष्ट हो रहा है. एनटीपीसी सारे नियम कानून को ताक में रखकर 45 मीटर से 60 मीटर ऊंचाई तक ओबी भर दे रहा है. इससे भी प्रदूषण फैल रही है. ग्राम वासी फैलती हुई बीमारी के चलते बस्ती खाली कराने को बोल रहे हैं. लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसे भी पढ़ें -राज्य">https://lagatar.in/more-than-40-thousand-water-pipes-are-defective-in-the-state-1000-4000-water-pipes-are-closed-in-15-districts/">राज्यमें 40 हजार से अधिक चापानल खराब, 15 जिलों में 1000-4000 चापानल हैं बंद [wpse_comments_template]
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