Lagatar desk : धर्माध्यक्ष रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट का जन्म 14 सितंबर 1955 को अमेरिका के शिकागो, इलिनोइस में हुआ.उन्होंने 1977 में सेंट ऑगस्टीन धर्मसंघ (ऑर्डर ऑफ सेंट ऑगस्टीन – OSA) के नवशिष्यालय में प्रवेश किया और 29 अगस्त 1981 को अपनी धार्मिक प्रतिज्ञा पूरी की.
इसके पश्चात उन्होंने शिकागो स्थित कैथोलिक थियोलॉजिकल यूनियन से धर्मशास्त्र में स्नातक डिग्री प्राप्त की.27 वर्ष की आयु में, उन्हें रोम भेजा गया, जहां उन्होंने पोंटिफिकल यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट थॉमस एक्विनास (एंजेलिकम) से कैनन लॉ में अध्ययन किया.
19 जून 1982 को वे पुरोहित अभिषिक्त हुए. उन्होंने 1984 में कैनन लॉ में अपनी स्नातकोत्तर डिग्री (लाइसेंस) पूर्ण की और फिर उन्हें पेरू के चुलुकानास मिशन में सेवा के लिए भेजा गया (1985-1986).
1987 में उन्होंने “द रोल ऑफ द लोकल प्रायर ऑफ द ऑर्डर ऑफ सेंट ऑगस्टीन” विषय पर शोध कर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. अगले वर्ष उन्हें पेरू के ट्रूजिलो मिशन में भेजा गया, जहां वे चुलुकानास, इक्विटोस और अप्यूरिमैक विकारीएट के ऑगस्टिनियन उम्मीदवारों के प्रशिक्षण परियोजना के निदेशक नियुक्त हुए. यहां उन्होंने समुदाय के सुपीरियर (1988-1992), प्रशिक्षण निदेशक (1988-1998), और प्रोफेसर (1992-1998) जैसे कई महत्वपूर्ण दायित्व निभाए.
ट्रूजिलो महाधर्मप्रांत में वे न्यायिक विकर (1989-1998) रहे, और संत कार्लोस तथा संत मार्सेलो मेजर सेमिनरी में कैनन लॉ, धर्मसंघ शास्त्र और नैतिक शिक्षा के प्राध्यापक के रूप में योगदान दिया.
1999 में उन्हें “मदर ऑफ गुड काउंसिल” प्रांत का प्रांतीय अध्यक्ष चुना गया. कुछ वर्षों बाद, उन्हें धर्मसंघ का सुपीरियर जनरल नियुक्त किया गया. अक्टूबर 2013 में वे पुनः अपने प्रांत में लौटे, जहां उन्होंने प्रोफेसर और प्रांतीय विकर की भूमिका निभाई.
3 नवंबर 2014 को संत पापा फ्रांसिस ने उन्हें पेरू के चिकलेयो धर्मप्रांत का प्रेरितिक प्रशासक नियुक्त किया, साथ ही उन्हें सूफ़र धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष नामित किया गया. उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक 12 दिसंबर को महाधर्मदूत जेम्स पैट्रिक ग्रीन की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ.
26 सितंबर 2015 से वे चिकलेयो के धर्माध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. मार्च 2018 से वे पेरू के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के द्वितीय उपाध्यक्ष हैं. संत पापा फ्रांसिस ने उन्हें 2019 में पुरोहितों की धर्मसंघ का सदस्य और 2020 में धर्माध्यक्षीय धर्मसंघ का सदस्य नियुक्त किया.