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पुलिसकर्मियों की संख्या नहीं बढ़ने से उनपर बढ़ रहा बोझ
अगर पुलिस की बात करें तो वह दंगे, लड़ाई-झगड़े, लूटपाट, चोरी-डकैती, दुष्कर्म आदि मामलों में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए संघर्ष करती है. कुछ गलत हो जाये तो विफल और लचर कानून व्यवस्था के नाम पर सबसे पहले दोष पुलिसकर्मियों को ही दिया जाता है. झारखंड की बढ़ती आबादी के मद्देनजर पुलिसकर्मियों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है. जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों पर बोझ बढ़ रहा है. इसे भी पढ़ें : दंगल">https://lagatar.in/dangal-2024-the-social-media-war-room-of-the-side-and-the-opposition-is-ready/">दंगल2024 : पक्ष-विपक्ष का सोशल मीडिया वॉर रूम तैयार, फॉलोअर्स के मामले में भाजपा का पलड़ा भारी
जानें कहां पुलिसकर्मियों के कितने पद हैं खाली:
- इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों के कुल 822 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 639 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.
- सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों के कुल 6896 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 3499 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.
- एएसआई रैंक के पुलिसकर्मियों के कुल 6763 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 6518 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.
- हवलदार रैंक के पुलिसकर्मियों के कुल 7751 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 4620 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.
- सिपाही रैंक के पुलिसकर्मियों के कुल 32021 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 25554 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.
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