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बारीगोड़ा में बिजली का खंभा टूटकर गिरा, बाल-बाल बचे लोग

Jamshedpur : बारीगोड़ा दुर्गा पूजा मैदान में बिजली का जर्जर खंभा टूट कर गिर गया. हादसा रात में होने के कारण किसी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. उधर स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार माना है. लोगों ने बताया कि इन खंभों के लगे 40 साल से अधिक हो गये हैं, लेकिन जर्जर हो चुके खंभों को बदलने को लेकर विभाग और यहां के अधिकारियों ने कभी दिलजस्पी नहीं दिखाई. आज एक पोल गिरा है कल दूसरा भी गिरेगा, लेकिन विभागीय अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि बारीगोड़ा, बामनगोड़ा, राहरगोड़ा, सोपोडेरा आदि क्षेत्रों में दर्जनों बिजली के जर्जर खंभे मौजूद है जो गंभीर हादसों का कारण बन सकता है.

1984 में बामनगोड़ा में बिजली आई, उसी समय के खंभे आज तक लगे हैं

बामनगोड़ा निवासी एवं पूर्व सैनिक राकेश चौधरी ने बताया कि वर्ष 1984 में बामनगोड़ा मेन रोड़ क्षेत्र में बिजली बहाल हुई. लेकिन 37 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन जर्जर बिजली के खंभों को आजतक बदलने की पहल नहीं की गयी. बारीगोड़ा में बिजली का खंभा गिरा है. बिजली रातभर आंख मिचौली करती रही. उमस भरी गर्मी में यूं बिजली का गुल होना ऊपर से मच्छरों का प्रकोप ऐसे में रात जागने की विवशता है. बिजली का खंभा तेज आवाज़ के साथ आधी रात में गिरा, यदि यह दिन में या शाम के वक्त गिरता तो कईयों की जानें जा सकती थी. उन्होंने बामनगोड़ा, बारीगोड़ा, राहरगोड़ा आदि क्षेत्रों में जर्जर बिजली के खंभों को अविलंब बदलने की मांग की है.

ट्यूबलर पोल के कारण घरों की दीवारों पर आ रहा करंट

उधर बताया गया कि राहरगोड़ा टीचर्स कॉलोनी में ट्यूबलर पोल के कारण बरसात के दिनों में आसपास के घरों के दीवारों, घर के बाहर जमीन भीगने पर करंट का एहसास होता है जो ख़तरे की घंटी है. लोगों ने कहा कि सुरक्षा कारणों एवं जान-माल को ध्यान में रखते हुए यहां ट्यूबलर पोल को हटाकर कंक्रीटयुक्त पोल लगाया जाना समय की मांग है. [wpse_comments_template]

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