प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि विषय को देखते हुए कार्यक्रम को रद्द करने का दबाव था, क्योंकि मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख था. इस मामले में लॉ फैकल्टी की डीन उषा टंडन ने कहा कि यह सूचित किया जाता है कि सीएलसी (Campus law centre) के कुछ छात्रों द्वारा आयोजित Challenges to the Indian constitution’ से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति रद्द कर दी गयी है. कहा कि सेमिनार और कान्फ्रेंस रूम बुकिंग समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार 25 मार्च से छात्रों के असहनीय व्यवहार के कारण यह निर्णय लिया गया है. इसे भी पढ़ें : मोदी">https://lagatar.in/on-march-28-and-29-the-trade-unions-spoke-against-the-labor-policies-of-the-modi-government-calling-for-a-nationwide-movement/">मोदी"DU’s Law Faculty cancels Prashant Bhushan`s talk on Challenges to the Constitution, at last minute, cites student unrest. After he was denied entry to speak inside the Law Faculty campus, Bhushan ended up delivering a short lecture outside on the road".https://t.co/t65WzSbMuk
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— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March">https://twitter.com/pbhushan1/status/1507924347658199045?ref_src=twsrc%5Etfw">March
27, 2022
सरकार की श्रम नीतियों के खिलाफ 28 व 29 मार्च को मजदूर संगठनों का हल्ला बोल, देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
अधिकारियों ने पुलिस को बुला लिया
आयोजकों में शामिल एक छात्र विवेक राज का कहना था कि हमें सेमिनार हॉल में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति थी. हम कल शाम से चाबी भी मांग रहे थे लेकिन हमें नहीं दी गयी. हमने उन्हें बताया कि महामारी के कारण पिछले दो साल से कमरा बंद है, इसलिए हमें कमरा साफ करने और उसे ठीक करने के लिए चाबी की जरूरत है. इसके बाद हमने विरोध शुरू किया, तो अधिकारियों ने पुलिस को बुला लिया. इसे भी पढ़ें : सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-27-march-2022/">सुबहकी न्यूज डायरी।।27 MAR।।वेब पोर्टल से सीएम की नाराजगी की वजह।।मुठभेड़ में TPC के 3 उग्रवादी ढेर।।नामकुम में जमीन का खेल।।सितंबर तक बढ़ी गरीब अन्न कल्याण योजना।।समेत कई खबरें और वीडियो

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