2011 किया गया था केस दर्ज
मामले को लेकर बिष्टुपुर थाना में 12 दिसंबर 2011 को केस दर्ज किया गया था. इन नौ अभियंताओं में प्रतोष कुमार का नाम भी शामिल था. प्रतोष कुमार 2011 में आदित्यपुर में कार्यपालक अभियंता (EE) थे. प्रतोष कुमार पर निजी कंपनी को 19,62,863 रुपये ज्यादा भुगतान करने का आरोप लगा था. 2012 में ही जमशेदपुर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. फिलहाल मामला कोर्ट में है और सभी अभियंता बेल पर बाहर हैं. इसे भी पढ़ें-दिल्ली">https://lagatar.in/raghuvar-das-meets-union-energy-minister-in-delhi-raises-case-of-dvc/16418/">दिल्लीमें केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मिले रघुवर दास, डीवीसी का मामला उठाया
जिस जोन में थे कार्यपालक अभियंता, अब वहीं के जीएम
चार दिसंबर 2020 को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गयी. अधिसूचना में पांच अभियंताओं के तबादले और प्रभार का जिक्र है. प्रतोष कुमार को जमशेदपुर का महाप्रबंधक सह अधीक्षण अभियंता बना दिया गया. साथ ही इन्हें वित्तीय शक्ति भी प्रदान की गयी. यानी प्रतोष कुमार उसी जोन के बॉस हो गए जहां उनपर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा. चार्जशीट दाखिल की गयी थी और मामला कोर्ट में लंबित है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जीएम रहते हुए वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. इसे भी पढ़ें-आयात">https://lagatar.in/indias-energy-policy-rests-on-imports-preparations-to-boost-production-utilization/5716/">आयातके सहारे टिकी है भारत की ऊर्जा नीति, बिना उत्पादन उपयोग को बढ़ावा देने की तैयारी