Ranchi: कहावत है सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का. लेकिन ऊर्जा विभाग में ऐसा खेल हुआ, जिससे आरोपी खुद ही कोतवाल हो गये. घटना विद्युत आपूर्ति प्रमंडल जमशेदपुर, घाटशिला और आदित्यपुर की है. निजी कंपनियों को साढ़े तीन करोड़ ज्यादा भुगतान करने के मामले में नौ कार्यपालक अभियंताओं पर अभियोजन चलाने की ऊर्जा विकास निगम ने स्वीकृति दी.
2011 किया गया था केस दर्ज
मामले को लेकर बिष्टुपुर थाना में 12 दिसंबर 2011 को केस दर्ज किया गया था. इन नौ अभियंताओं में प्रतोष कुमार का नाम भी शामिल था. प्रतोष कुमार 2011 में आदित्यपुर में कार्यपालक अभियंता (EE) थे. प्रतोष कुमार पर निजी कंपनी को 19,62,863 रुपये ज्यादा भुगतान करने का आरोप लगा था. 2012 में ही जमशेदपुर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. फिलहाल मामला कोर्ट में है और सभी अभियंता बेल पर बाहर हैं.
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जिस जोन में थे कार्यपालक अभियंता, अब वहीं के जीएम
चार दिसंबर 2020 को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गयी. अधिसूचना में पांच अभियंताओं के तबादले और प्रभार का जिक्र है. प्रतोष कुमार को जमशेदपुर का महाप्रबंधक सह अधीक्षण अभियंता बना दिया गया. साथ ही इन्हें वित्तीय शक्ति भी प्रदान की गयी. यानी प्रतोष कुमार उसी जोन के बॉस हो गए जहां उनपर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा. चार्जशीट दाखिल की गयी थी और मामला कोर्ट में लंबित है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जीएम रहते हुए वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं.
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क्या है प्रतोष कुमार पर आरोप
यह पूरा मामला विद्युत आपूर्ति प्रमंडल आदित्यपुर जमशेदपुर और घाटशिला का है. इसमें बिजली एजेंसी को फर्जी बिल के आधार पर ज्यादा भुगतान करने का आरोप है. मामले में बिष्टुपुर थाना में 12 सितंबर 2011 को केस दर्ज कराया गया. तत्कालीन जेसीईबी ने भी पांच सदस्यीय जांच समिति बनाकर मामले की जांच कराई थी. उन्होंने रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में बताया गया था कि सितंबर 2012 से बिलिंग एजेंसी क्रिस्टल कंप्यूटर इनफॉरमेशन प्राइवेट लिमिटेड और वीएक्सएल कंप्यूटर ने वर्क ऑर्डर की शर्तों का उल्लंघन करते हुए फर्जी एवं मनगढ़ंत बिल जमा कर करोड़ों रुपए हड़प लिए.
इनमें एचके सिंह तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जमशेदपुर, धनेश झा कार्यपालक अभियंता आदित्यपुर, संतोष कुमार कार्यपालक अभियंता आदित्यपुर, सुखड़ू खड़िया कार्यपालक अभियंता घाटशिला, गोपाल मांझी तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जमशेदपुर, मुकुल गरवारे कार्यपालक अभियंता सरायकेला, अजीत कुमार कार्यपालक अभियंता चक्रधरपुर और ओपी अंबष्ठ कार्यपालक अभियंता का नाम शामिल हैं.
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