झारखंड में 20% अल्पसंख्यकों की आबादी, लेकिन उसके अनुरूप बजट नहीं
कहा गया कि झारखंड में 20% अल्पसंख्यकों की आबादी है. लेकिन उसके अनुरूप बजट नहीं बनता, जिसके चलते अल्पसंख्यकों के शिक्षा, रोजगार, कृषि, ग्रामीण विकास और दूसरी जन कल्याण की योजनाएं नहीं चल पाती, जिस कारण वे लोग आर्थिक उन्नति में पीछे रह जाते हैं.बजट में अधिक राशि का प्रावधान करें
बैठक के अध्यक्षता कर रहे हाजी हलीमुद्दीन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही. लेकिन 21 वर्ष बाद भी उनकी शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में सुधार का प्रयास सरकार के स्तर से नहीं हुआ. सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के महासचिव अकील-उर- रहमान ने कहा कि महागठबंधन सरकार आगामी बजट में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बजट में अधिक राशि का प्रावधान करे.बैठक में सरकार के समक्ष 12 मांगें रखी
(1) प्रत्येक जिला में सरकारी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोलने की योजना (2) अल्पसंख्यक विद्यालयों के जीर्णोद्धार हेतु योजना (3) मान्यता प्राप्त मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधारभूत संरचना हेतु मॉडल मदरसा योजना (4) यूपीएससी, जेपीएससी व अन्य प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग योजना (5) अल्पसंख्यक छात्र, युवा एवं युवतियों के कौशल विकास हेतु ट्रेनिंग योजना (6) राजधानी में अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए 200 बेड की महिला छात्रावास योजना (7) अल्पसंख्यक किसानों के उत्थान हेतु कृषि उपकरण, खाद्य-बीच, ट्रेक्टर, पशु वितरण योजना (8) ग्रामीण क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की भूमि पर सिंचाई हेतु डीप बोरिंग, कुआं, तालाब निर्माण योजना (9) अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सड़क नाली पुल निर्माण योजना (10) अल्पसंख्यक क्षेत्र में समुदाय स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक वाचनालय, पुस्तकालय योजना (11) अल्पसंख्यक कब्रिस्तान चहारदीवारी के साथ शेड निर्माण, पेयजल और सौर्य लाइट योजना (12) बुनकरों के लिए सोबरन साड़ी लुंगी जैसी योजना के लिए बजट में प्रावधान किया जाये. इसे भी पढ़ें - झारखंड">https://lagatar.in/18734-courts-across-the-country-including-447-courts-of-jharkhand-have-been-computerized/">झारखंडके 447 कोर्ट समेत देशभर के 18734 कोर्ट हो चुके हैं कंप्यूटरीकृत [wpse_comments_template]

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