Madhubani : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बेदहाल हो गयी है. आम लोग तो दूर यहां स्वास्थ्य कर्मियों को भी बेड नहीं मिल पा रहा है. ऐसा ही दर्दनाक खबर मधुबनी जिले से आयी है. जहां एक प्रेग्नेट नर्स की मौत ऑक्सीजन और बेड नहीं मिलने से हो गयी. जिसके बाद डॉक्टरों , नर्सों और सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने काम बहिष्कार का निर्णय लिया.
सदर अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों ने जमकर हंगामा किया
नर्स की मौत के बाद सदर अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों ने जमकर हंगामा किया. और इमरजेंसी सहित सभी कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर चले गये. इस महामारी के समय डॉक्टरों और नर्सों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. जिसके बाद इनको समझाने और काम पर वापस लाने के लिए सदर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अभिषेक रंजन और सिविल सर्जन शैलेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे. सिविल सर्जन के आते ही नर्सों ने बताया कि मृतिका नालांदा जिले की रहने वाली नर्स 7 माह की गर्भवती थी. जिसके ड्यूटी के दौरान कोरोना हो गया. कोरोना से उसकी हालत काफी खराब हो गयी. नर्स को बेहद इलाज के लिए DMCH रेफर कर दिया गया. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई.
नर्सों ने ड्यूटी भत्ता की मांग की
डॉक्टरों और नर्सों ने कहा कि हमारी मांग है कि कि सीएस कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों में कोरोना से बचाव के साथ- साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाये. तभी हम वापस काम पर लौटेंगे. अस्पताल में पानी, गल्बस और कोरोना काल में काम कर रहे लोगों को ड्यूटी भत्ता की मांग पूरा किया जाये.
क्वारंटीन सेंटर में सभी तरह की सुविधाओं को पूरा करा दिया जाएगा.
मामले में सिविल सर्जन शैलेंद्र ने कहा कि अस्पताल कर्मियों की जो भी मांगें हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करवाने का प्रयास किया जा रहा है. क्वारंटीन सेंटर में सभी तरह की सुविधाओं को पूरा करा दिया जाएगा.