बोकारो : लापरवाही का दूसरा नाम बोकारो सदर अस्पताल है. यहां के डॉक्टरों को मरीज की तनिक भी चिंता नहीं है. गंभीर मरीजों को सीधे भर्ती नहीं कर पर्ची बनाने भेज दिया जाता है. सदर अस्पताल के फर्श पर एक गर्भवती महिला दर्द से कराहती रही, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज करना मुनासिब नहीं समझा. फुसरो के चलकरी बस्ती निवासी गुलाब कुमार अपनी बहन कृति देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया था. अस्पताल के डॉक्टरों ने भर्ती करने की बजाय उन्हें पर्ची कटवाने की हिदायत दी. मरीज दर्द से छटपटा रही थी. पर्ची काटने की लाइन में लंबी कतार लगी थी. एक घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद उन्हें पर्ची दी गई. इस दौरान मरीज बिना इलाज के रही. एक घंटे तक वह दर्द से कराहती रही. अस्पताल ने पर्ची कटने तक न ही मरीज को भर्ती किया और न ही किसी डॉक्टर ने इलाज किया. मरीज के भाई ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कामकाज में सुधार की मांग की है. उनका कहना है कि आपातकालीन स्थिति में गंभीर मरीजों को तुरंत भर्ती किया जाना चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस मामले में लापरवाह है. स्थिति यही रही तो गंभीर मरीजों को भी यह अस्पताल समय से भर्ती नहीं करेगा, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है. यह भी पढ़ें : 8">https://lagatar.in/nutrition-sakhi-on-the-path-of-agitation-for-8-months-honorarium/">8
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अस्पताल के फर्श पर दर्द से कराहती रही गर्भवती महिला

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