New Delhi : मानसून के अधिक समय तक सक्रिय होने के कारण इस बार कई राज्यों में ठंड जल्द दस्तक दे सकती है. देश में बारिश और बाढ़ के कारण कई राज्यों में लोग जहां परेशान हैं, वहीं उत्तराखंड में समय से पहले मौसम ने करवट ले ली है. बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. पिछले तीन दिनों से पहाड़ों पर बारिश का दौर जारी है. बर्फबारी के चलते यहां के लोगों को ठंड महसूस होने लगी है. इस बर्फबारी के बाद से आसपास के राज्यों में समय से पहले ठंड आने के आसार जताए जा रहे हैं. हालांकि, पिछले साल की बात करें तो ठंड ने देरी से दस्तक दी थी.
120 दिन की जगह 150 दिन तक रहेगी सर्दी
राजस्थान में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी. इसके साथ ही सर्दी की एंट्री एक महीने पहले अक्टूबर में ही हो जाएगी. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक सर्द होने वाली रातें इस बार 10 से 15 अक्टूबर के बीच शुरू होने की संभावना है. सर्दी भी सामान्य 120 दिन की जगह 150 दिन तक रहेगी. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मानसून बताया जा रहा है. इस बार मानसून 20 सितंबर या उसके बाद तक एक्टिव रहेगा. ऐसे में विंड पैटर्न जैसे-जैसे बदलेगा मानसून की विदाई देरी से होगी. लंबे समय तक मानसून के एक्टिव रहने चलते वातावरण में नमी रहेगी और उससे ठंडक भी बनी रहेगी. यह अक्टूबर के मध्य से रहेगी. मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मानसून जितना देरी तक एक्टिव रहता है, उतनी ही संभावना रहती है सर्दी जल्दी आएगी. क्योंकि वातावरण में नमी देर तक रहती है. इससे सुबह-शाम ठंडक रहती है. इसके अलावा विंड पैर्टन भी अक्टूबर में बदलने लगता है और यह नॉर्थ वेस्ट या नॉर्थ साउथ होने लगता है. इससे अफगानिस्तान, जम्मू-कश्मीर से ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती है.
जनवरी में पड़ती है कड़ाके की सर्दी
कड़ाके की सर्दी का दौर सामान्यतः दिसंबर के आखिरी सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक रहता है. इस दौरान प्रदेश के कई शहरों में पारा जमाव पॉइंट से भी नीचे चला जाता है. माउंट आबू, चूरू, पिलानी, सीकर समेत कई हिस्सों में तापमान माइनस में चला जाता है. इसके अलावा गंगानगर, हनुमानगढ़, भरतपुर एरिया में इन महीने में अधिकांश जगह घना कोहरा भी देखने को मिलता है.
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