करोड़ों की खासमहाल जमीन को फ्री होल्ड कराने में जुटे हैं कुछ रसूखदार
-आवासीय प्रयोजन के लिए जमीन फ्री-होल्ड करने का भेजा प्रस्ताव
-दो बार दक्षिण छोटानागपुर के आयुक्त लौटा चुके हैं प्रस्ताव
-एनएच किनारे है बेशकीमती 10 एकड़ जमीन
Pravin Kumar
Ranchi: राज्य में खासमहाल जमीन का लीज नवीकरण चार दशकों से लंबित है, इसके बाद भी रसूखदार लोग खासमहाल की जमीन फ्री होल्ड कराने के प्रयास में जुटे हैं. इसके लिए अंचल से लेकर जिला होते हुए फाइल दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त को भी भेजी गयी. दो बार फाइल को आयुक्त कार्यालय अपनी आपत्तियों के साथ जिले को वापस भेज चुका है. इसके बाद भी रसूखदार लोग 10 एकड़ खासमहल की जमीन को फ्री होल्ड कराने में लगे हैं. जिस जमीन को जिले ने आवासीय प्रयोजन के लिए फ्री -होल्ड करने का प्रस्ताव भेजा है, उस जमीन का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह जमीन एनएच ( राष्ट्रीय उच्च पथ) पर स्थित है.
दो लोगों के नाम पर जमीन लीज की गयी थी
बता दें कि रांची जिले के नगड़ी अंचल के मौजा टिकराटोली के खाता संख्या-2, प्लाट संख्या 365 , रकबा 10 एकड़ खासमहल जमीन नीलिका लाल और संजीव टंडन लाला के नाम पर लीज है. यह जमीन एनएच से सटी हुई है. जमीन पर सैंकड़ों सखुवा के पेड़ पहले से ही लगे हुए हैं. जानकारी के अनुसार, दो लोगों के नाम पर खासमहल जमीन लीज की गयी थी, जिनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है.
आयुक्त आपत्तियों के साथ एसी को लौटा चुके हैं फाइल
10 एकड़ खासमहाल जमीन के आवासीय प्रयोजन का मामला काफी पेंचीदा है. नाम न लिखने की शर्त पर एक अधिकारी बताते हैं नीलिका लाल और संजीव टंडन लाला के नाम पर लीज की गयी खासमहाल भूमि को फ्री- होल्ड करने के लिए दो बार पूर्व में भी जिला से प्रस्ताव भेजा गया है. पहली बार तत्कालीन आयुक्त ए मुथु कुमार के समय आपत्ति के साथ फाइल वापस भेजी गयी. दूसरी बार प्रवीण कुमार टोप्पो के आयुक्त रहते फाइल अपर समाहर्ता राजेश कुमार बरवार को वापस भेजी गयी थी.
आयुक्त की आपत्ति, फिर भी फ्री होल्ड करने की अनुशंसा
आयुक्त की आपत्तियों के बाद भी अपर समाहर्ता राजेश कुमार बरवार ने जमीन को फ्री होल्ड करने की अनुशंसा भेजी है. खासमहाल की 10 एकड़ जमीन को फ्री होल्ड करने से संबंधित अनुशंसा में लिखा है कि इस जमीन का आवासीय प्रायोजन के लिए उपयोग किया जा रहा है. प्रभावी बाजार दर और अवर निबंधक रांची के निबंधन दर के अनुसार खासमहाल जमीन की प्रस्तावित कीमत 30 हजार 658 रुपए है. जमीन को आवासीय प्रयोजन के लिए फ्री होल्ड करने के लिए 45 लाख 98 हजार 700 रुपए एकमुश्त देना होगा.
जमीन पर पहले से लगे हैं सैंकड़ों सखुवा के पेड़, नहीं हुआ मूल्यांकन
आयुक्त की आपत्ति में लिखा गया है कि जमीन राष्ट्रीय राजपथ के किनारे है, जिसकी सार्वजनिक कार्य के लिए उपयोग की आवश्यकता पड़ सकती है. इसके व्यावसायिक उपयोग की संभावना प्रबल है, जमीन को फ्री होल्ड करने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार आवश्यक प्रतीत होता है. साथ ही लिखा कि भूमि पर बड़ी संख्या में शाल एवं अन्य वृक्ष हैं, जिनका मूल्यांकन वन विभाग द्वारा किया जाना आवश्यक है. भूमि का दर निर्धारण 01.08.2019 के दर से की गई है, जो काफी पुरानी प्रतीत होती है. इसके बाद बिना वृक्षों का मूल्यांकन किए जमीन को फ्री होल्ड करने का अपर समाहर्ता राजेश कुमार बरवार ने प्रस्ताव भेजा.