Ranchi: कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसे लेकर विभाग लगातार प्रयासरत है. सदर अस्पताल में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल रन शुरू कर दिया गया है. इसकी क्षमता प्रति मिनट 1600 लीटर ऑक्सीजन तैयार करने की होगी. वहीं अस्पताल में 220 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड संक्रमित मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है. साथ ही सदर अस्पताल में 550 डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर है. इनमें 300 सिलिंडर को रिफिल करके रखा गया है. जबकि 250 ऑक्सीजन सिलिंडर की रिफिलिंग को लेकर प्रक्रिया चल रही है. दूसरी तरफ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंक के इंस्टॉलेशन और पाइप लाइन का काम पूरा हो चुका है. लाइसेंस के लिए अप्लाई किया गया है, लाइसेंस मिलते ही इससे भी ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाएगी.
रिम्स में 2171 ऑक्सीजन युक्त बेड तैयार
वहीं रिम्स में भी पीएसए प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी गई है. इस प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए अलग से वार्ड में पाइपलाइन बिछाई गई है. कुल 444 बेड पर अलग से ऑक्सीजन प्वाइंट दिया गया है. रिम्स में कुल 2171 ऑक्सीजन युक्त बेड हो गए हैं और 129 बेड को ऑक्सीजन से जोड़ा जा रहा है.
आपात स्थिति में 2300 बेड तक किया जा सकता है फंक्शनल
यह जरूरी कदम कोरोना के बढ़ते मामलों में मरीजों को ऑक्सीजन की मांग के साथ ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए उठाया गया है. रिम्स के चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि वैसे तो 1734 बेड का अस्पताल है, लेकिन आपात स्थिति में यहां 2300 बेड को फंक्शनल करते हुए कोरोना मरीजों का इलाज संभव है.
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