Ranchi: कोरोना महामारी के बीच SBI ने हाल ही में क्लर्क की 5000 से ज्यादा पदों पर आवेदन मांगे हैं. SBI ने युवाओं को इस चिंता भरे माहौल से दूर होकर जॉब की तैयारी का सुनहरा अवसर दिया है.एसबीआई की प्रतियोगिता परीक्षा एक कठिन परीक्षा के रूप में जानी जाती है. कोरोना काल में बिना कोचिंग तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह परीक्षा चुनौतीपूर्ण होगी, लेकिन बेहतर रणनीति और कड़ी मेहनत के साथ अभ्यर्थी परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हैं.
SBI क्लर्क प्रीलिम्स परीक्षा जून के महीने में आयोजित होने की संभावना है.हालांकि अभी SBI की तरफ परीक्षा स्थगित करने की कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. जबकि मेन परीक्षा जुलाई महीने में होगी. इस परीक्षा की तैयारी के लिए उम्मीदवारों के पास एक महीने का समय है.
परीक्षा की तैयारी में अभ्यर्थियों की मदद करने के लिए सालों से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवा रहे महिन्द्रा कोचिंग सेंटर के इंचार्ज संतोष कुमार से कुछ उपयोगी टिप्स संकलित किए हैं, जिससे अभ्यर्थियों को प्रीलिम्स एग्जाम में काफी मदद होगी. संतोष कुमार का कहना है की विपत्ति और कष्ट जीवन में लगा हुआ है, अभ्यर्थी अभी के मौजूदा हालात से निराश और मानसिक तौर पर बीमार होने के बजाय उपलब्ध सुविधाओं से अपनी तैयारी मजबूत कर सकते हैं. क्योंकि छात्रों को परीक्षा देने से पहले खुद को तैयार करना ज्यादा जरूरी है. छात्रों के लिए ये गोल्डेन टाइम है.
– ऑनलाइन रिसोर्स से पढ़ाई करें.
– सिलेबस पूरा करें
-मानसिक रूप से खुद को तैयार करें.
परीक्षा पैटर्न
परीक्षा दो चरणों में होंगी आयोजित
चरण- I प्रारंभिक परीक्षा – 100 अंक
परीक्षा अवधि – 1 घंटा
चरण- II: मुख्य परीक्षा – 200 अंक
परीक्षा अवधि – 2 घंटे 40 मिनट
प्रीलिम्स एग्जाम :
1. इंग्लिश लैंग्वेज – 30 मार्क्स
2. न्यूमेरिकल एबिलिटी -35 मार्क्स
3. रीजनिंग एबिलिटी – 35 मार्क्स
मेंस एग्जाम :
1. जेनरल/ फाइनेंस अवेयरनेस – 50 मार्क्स
2. जेनरल इंग्लिश – 40 मार्क्स
3. क्वाटिटेटिव एप्टीट्यूड – 50 मार्क्स
4. रीजनिंग एबिलिटी एंड कंप्यूटर एप्टीट्यूड – 60 मार्क्स
ऑनलाइन रिसोर्स से पढाई करें
किताबों के साथ-साथ ऑनलाइन ट्यूटोरियल की मदद लें.
एग्जाम के लिए कोई टॉपिक बहुत महत्वपूर्ण है और उसे खुद से पढ़ कर समझना मुश्किल होता है, तो उसे समझने के लिए छात्र ऑनलाइन क्लासेस ले सकते हैं. साथ ही मॉक टेस्ट दें. बाद में क्वेश्चन का एनालिसिस जरूर करें. परीक्षा शुरू होने में कुछ दिन बचे हों तो मॉक टेस्ट देने के बजाय जो मॉक टेस्ट छात्र पहले दिए हैं उनकी एनालिसिस पर ज्यादा ध्यान दें. इनकी एनालिसिस के जरिए छात्र अपनी कमजोरियों को जानने की कोशिश करें और उन्हें दूर करने की कोशिश करें.