New Delhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने वाले चार स्तंभों के रूप में चार मूल्यों का उल्लेख है, वे हैं न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व.
#WATCH | President Droupadi Murmu says, "This year we had to face the scourge of terrorism. Killing innocent citizens on holiday in Kashmir was cowardly and utterly inhuman. India responded in a decisive manner and with steely resolve. #OperationSindoor showed that our armed… pic.twitter.com/TJu6p3ha4H
— ANI (@ANI) August 14, 2025
#WATCH | President Droupadi Murmu says, "Our Constitution mentions four values as the four pillars upholding our democracy. They are - justice, liberty, equality and fraternity. These are our civilisational principles that we rediscovered during the Freedom Struggle. I believe… pic.twitter.com/g1yua6rbys
— ANI (@ANI) August 14, 2025
राष्ट्रपति ने कहा कि ये हमारे सभ्यतागत सिद्धांत हैं, जिन्हें हमने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पुनः खोजा. मेरा मानना है कि इन सबके मूल में मानवीय गरिमा की भावना है. प्रत्येक मनुष्य समान है और सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि सभी की स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक समान पहुंच होनी चाहिए, सभी को समान अवसर मिलने चाहि.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जो लोग पारंपरिक व्यवस्था के कारण वंचित थे, उन्हें सहायता की आवश्यकता थी. इन सिद्धांतों को सर्वोपरि रखते हुए हमने 1947 में एक नयी यात्रा शुरू की. विदेशी शासन के लंबे वर्षों के बाद स्वतंत्रता के समय भारत घोर गरीबी में था. लेकिन तब से अब तक के 78 वर्षों में हमने सभी क्षेत्रों में असाधारण प्रगति की है. भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर है और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है,.
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अतीत पर नज़र डालते हुए हमें देश के विभाजन से मिले दर्द को कभी नहीं भूलना चाहिए. आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया. विभाजन के कारण भयंकर हिंसा हुई और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा. आज हम उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो इतिहास की गलतियों के शिकार हुए.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष हमें आतंकवाद के कहर का सामना करना पड़ा. कश्मीर में छुट्टियों मनाने गये निर्दोष नागरिकों की हत्या कायरतापूर्ण और पूरी तरह से अमानवीय थी. ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने निर्णायक तरीके से और दृढ़ संकल्प के साथ जवाब दिया.
ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि हमारे सशस्त्र बल राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने सीमा पार आतंकवादी केंद्रों को नष्ट कर दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के रूप में दर्ज होगा.
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की स्थिति समझाने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में भी हमारी एकता प्रदर्शित हुई. हम अपने नागरिकों की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे. ऑपरेशन सिंदूर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन का एक परीक्षण भी था.
सही रास्ते पर हमारे स्वदेशी विनिर्माण ने एक महत्वपूर्ण स्तर हासिल कर लिया है जो हमें अपनी कई सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाता है, ये आजादी के बाद से भारत के रक्षा इतिहास में ऐतिहासिक उपलब्धियां हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि युवा प्रतिभाओं से प्रेरित होकर हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम ने अभूतपूर्व विस्तार देखा है. मुझे विश्वास है कि शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक की अंतरिक्ष यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है. यह भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा.
नये आत्मविश्वास से ओतप्रोत हमारे युवा खेलों में अपनी पहचान बना रहे हैं, उदाहरण के लिए, शतरंज में अब भारत के युवाओं का पहले से कहीं अधिक दबदबा है. हम ऐसे परिवर्तनकारी बदलावों की आशा करते हैं जो राष्ट्रीय खेल नीति 2025 में निहित दृष्टिकोण के तहत भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करेंगे,.
राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि आर्थिक क्षेत्र में हमारी उपलब्धियाँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में 6.5% की जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला देश है. मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही है, निर्यात बढ़ रहा है.
सभी प्रमुख संकेतक हमारी अर्थव्यवस्था को मज़बूत स्थिति में दर्शाते हैं. सुशासन के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है. आय असमानता कम हो रही है. क्षेत्रीय असमानताए भी कम हो रही हैं
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