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Ranchi : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश के तमाम विपक्षी पार्टियां गोलबंद होने लगे हैं. इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 जून को नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलायी है. बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मंगलवार को दिल्ली जा सकते हैं. 22 दलों के नेताओं के साथ हो रही इस सर्वदलीय बैठक में पिछले कई दिनों से चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर व्यापक विचार-विमर्श होने की संभावना है. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के 22 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को पत्र लिखकर बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. पढ़ें – सम्राट पृथ्वीराज का बॉक्स ऑफिस पर नहीं चला जादू, 11 दिनों में केवल 62.30 करोड़ का किया बिजनेस
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हेमंत सहित आठ राज्यों के मुख्यमंत्री और कई दिग्गजों को किया गया है आमंत्रित
इन 22 राजनीतिक दलों में कई गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा, माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार समेत कई नेता बैठक में भाग ले सकते हैं.
2012 और 2017 में भी ममता ने की थी कवायद, पर मिली थी असफलता
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है. 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. राष्ट्रपति चुनाव के ठीक पहले हर बार विपक्षी पार्टियों को लामबंद करने की कवायद होती रही है. पिछले दो चुनाव की तरह इस बार यह कवायद ममता बनर्जी की तरफ से ही हुई है. इससे पहले 2012 व 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में भी ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों को लामबंद करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पायी थी.
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लोकतांत्रिक चरित्र वाले देश को मजबूत और प्रभावशाली विपक्ष की है जरुरत
2022 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 22 दलों के नेताओं को भेजे पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा है कि “जबर्दस्त लोकतांत्रिक चरित्र वाले देश को मजबूत और प्रभावशाली विपक्ष की जरुरत है. हमें एकजुट होकर विभाजनकारी ताकत का प्रतिरोध करना होगा. विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां विपक्षी नेताओं को लगातार निशाना बना रही हैं. हमें अपना प्रतिरोध मजबूत करना होगा.
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गैर बीजेपी शासित राज्यों में ईडी की बढ़ते हस्तक्षेप से विपक्षी नेताओं में है रोष
पिछले कई दिनों से गैर बीजेपी शासित राज्यों में जांच एजेंसी ‘ईडी’ के हस्तक्षेप से भी विपक्षी नेताओं में जबरदस्त रोष है. चर्चा है कि सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेता इस पर भी व्यापक चर्चा कर सकते हैं. इससे पहले झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों से ईडी पहले ही पूछताछ कर चुकी है. जिसे लेकर मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि अगर ईडी उनके पास आती है, तो वह समझ नहीं सकती है कि उसे कितनी परेशानी झेलनी पड़ेगी. इसके अलावा गैर बीजेपी शासित ओडिशा और दिल्ली में क्रमशः बीजू जनता दल (बीजद) के पूर्व विधायक अनम नाइक और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येन्द्र जैन पर ईडी की कार्रवाई के बाद अन्य गैर बीजेपी राज्यों के अंदर चिंता सताने लगी है.
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