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श्मशान-कब्रिस्तान में बढ़ा दवाब, शवों को भी अपनी बारी का इंतजार

Dhanabd: पहले तो `राम नाम सत्य है, `सबका यही गत है` के उच्चारण के साथ चार कंधों पर सवार होकर अर्थी श्मशान घाट पहुंचती थी. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना काल में स्थिति खराब है. अधिकतर शव एम्बुलेंस से लाया जा रहा है. ये कहना है शहर के मटकुरिया मुक्तिधाम के लोगों का. आज की इस स्थिति को देख कर श्मशान के `महाराजा` भी काफी दुखी हैं और उनकी ईश्वर से प्रार्थना है कि जल्द ही इस महामारी से लोगों को छुटकारा मिले.

वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इन दिनों कोयलांचल धनबाद में मौत की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. इस बाबत जब संवाददाता ने श्मशान और कब्रिस्तान का दौरा किया, तो पाया कि वर्तमान में मृतकों की संख्या में रोजाना बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. वहीं शहर के हीरापुर हाट में अंतिम यात्रा के लिए बांस की अर्थी बनाने वाले दुकानदार का कहना है कि, इन दिनों ऑर्डर इतना अधिक आ रहा है कि, उन्हें फुर्सत ही नहीं मिल रही है. हालांकि वह इन ऑर्डर से खुश नहीं हैं. लेकिन क्या करें, उनका तो काम ही है अंतिम यात्रा के लिए अर्थी बनाने का.

शहर के मटकुरिया मुक्तिधाम में एक चिता की राख ठंडी नहीं हो रही है कि,  दूसरा शव घाट पर पहुंच जा रहा है. स्थिति यह है कि एक साथ तीन चार शव की चिता सुलगती रहती है. वहीं दो से तीन शव इस इंतजार में पड़े रहते हैं कि उनका नम्बर कब आएगा ?

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