NewDelhi : खबर है कि कई निजी अस्पतालों में कई ऐसे लोग भी भर्ती पाये गये, जिन्हें भर्ती किये जाने की जरूरत नहीं थीं. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. साथ ही प्रशासन ने इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं. ये निजी अस्पतालों नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा स्थित हैं. अधिकारियों ने जानकारी दी कि शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक ओहरी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जिले के कई निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया
पाया गया कि निजी अस्पताल के प्रबंधकों ने बिना किसी खास कारण के मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया है, जबकि उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं थी. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के ऐसे लगभग 200 बिस्तर खाली करवाये हैं. अधिकारियों के अनुसार कई निजी अस्पताल के प्रबंधक ऑक्सिजन व दवाएं खत्म होने की कथित तौर पर अफवाह उड़ाकर लोगों में सनसनी पैदा कर रहे हैं.
सख्त कार्रवाई का आदेश
जिलाधिकारी ने इन अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. खबर है कि शनिवार को कुछ अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें कई अहम निर्णय लिये गये हैं.
सीएमओ की टीम ने किया निरीक्षण
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दीपक ओहरि व उनकी टीम के अधिकारियों द्वारा कई अस्पतालों का गहन स्थलीय निरीक्षण किया गया. इस दौरान उनकी टीम ने पाया कि विभिन्न निजी अस्पतालों में बिना आवश्यकता के मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराये गये हैं, जबकि उनको अस्पताल में रहने की कोई आवश्यकता नहीं थी.
ऑक्सिजन की कमी की फर्जी खबरें
पाया गया कि कई अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन को लेकर तथ्यहीन खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से जारी की जा रही हैं. जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है. जिलाधिकारी ने ऑनलाइन बैठक करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि उनके द्वारा जो स्थलीय निरीक्षण किया गया है, उसके संबंध में लिखित रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें, जिसके आधार पर दोषी अस्पतालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.