- मनमानी रोकने के लिए सरकार ने रेट किया तय, सीएम ने भी कई बार किया हस्तक्षेप
- अब दर निर्धारण के पुनर्विचार के लिए बनी कमिटी
Ranchi: राज्य में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई लोग संक्रमित हुए थे. लगातार बढ़ते संक्रमण दर और सरकारी अस्पतालों में बेड नहीं मिलने से परेशान संक्रमित मरीजों ने निजी अस्पतालों का रूख किया. इसका फायदा उठाने और मनमानी करने में निजी हॉस्पिटल पीछे नहीं रहे. मनमानी रोकने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप भी किया. निजी हॉस्पिटलों में कोरोना उपचार को लेकर दर भी निर्धारित की गई. फिर भी अधिकांश निजी हॉस्पिटल मरीजों को लूटने में आगे ही रहे.
सरकारी आदेशों को ताक में रख किया मनमानी
कोरोना काल में कई ऐसे निजी हॉस्पिटल सामने आये हैं जिन्होंने राज्य सरकार के आदेशों को ताक पर रख मनमानी किया. इसमें राजधानी के अधिकांश और अन्य जिलों के निजी हॉस्पिटल शामिल हैं.
• 17 अप्रैल को राजधानी के महिलौंग स्थित द्वारिका हॉस्पिटल रिसर्च ने 1 दिन के इलाज करने के बदले मरीज को 1 लाख का बिल थमा दिया.
• 27 अप्रैल को रांची के रातू स्थित वरदान हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने मरीज को 1.28 लाख का बिल थमा दिया गया.
• 12 मई को सिटी ट्रस्ट हॉस्पिटल ने एक मरीज को मनमाने तौर पर 66,600 रूपये का बिल थमा दिया.
• 18 मई को सिटी ट्रस्ट हॉस्पिटल ने एक दिन का बिल 50,000 रुपये थमा दिया.
• आयुष्मान योजना को ताक पर रखते हुए बोकारो स्थित सत्यम हॉस्पिटल ने प्रबंधन ने मरीज के परिजन को फोन कर 20,000 रुपये की डिमांड की. कहा कि अगर पैसा नहीं देंगे तो मरीज का इलाज नहीं किया जाएगा. मरीज यूं ही पड़ा रहेगा.
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सीएम ने कहा- मरीज को भर्ती कराएं और 104 पर शिकायत करें, होगी कार्रवाई
निजी हॉस्पिटलों की मनमानी को रोकने के लिए राज्य सरकार ने इलाज दर का भी निर्धारण किया. सभी 24 जिलों को तीन केटेगरी में बांटकर इलाज की दो श्रेणी में दर तय की गयी. सीएम ने कहा कि यदि कोई अस्पताल अधिक पैसे मांगता है तो परेशान न हों. मरीज को भर्ती कराएं और इसके बाद राज्य नियंत्रण कक्ष 104 पर सीधे शिकायत करें. संचालक पर आपदा अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा. इसके अलावा उपरोक्त निजी हॉस्पिटलों ने जब-जब मनमानी की, तब सीएम ने व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर मरीजों को राहत भी दिलायी. स्वास्थ्य मंत्री को कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया. दो बार रांची डीसी को निर्देश दे सिटी ट्रस्ट हॉस्पिटल के मामले में दोनों मरीजों को क्रमशः 24,000 और 20,000 की राहत दिलायी.
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नयी समिति निर्धारित दर पर करेगी पुनर्विचार
एक बार फिर सरकार ने अपने द्वारा निर्धारित दर पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है. इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ शांतनु अग्रहरि की अध्यक्षता में एक कमिटी बनायी गयी है. सात सदस्यीय यह कमिटी एक परामर्शी होगी. जो राज्य के निजी हॉस्पिटलों में कोविड मरीजों के इलाज में हो रहे वास्तविक व्यव व बाजार सर्वेक्षण का अध्ययन कर 28 मई तक रिपोर्ट देगी.
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