Chhaya
Ranchi : बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ ही राज्य में बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है. पिछले साल हुए तीन महीने के लॉकडाउन के बाद जितनी बेरोजगारी राज्य में नहीं थी. उससे अधिक बेरोजगारी वर्तमान समय में देखी जा रही है. जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से इसकी जानकारी मिलती है. सीएमआईई के आंकड़ों को मानों तो वर्तमान में राष्ट्रीय औसत 10.8 प्रतिशत है. जबकि झारखंड की अप्रैल में बेरोजगारी दर 16.5 प्रतिशत है. जून में मई महीने की बेरोजगारी दर प्रकाशित की जायेगी. सीएमआईई की मानें तो इस साल के जनवरी से ही राज्य की बेरोजगारी दर आगे रही. जिसमें जनवरी में 11.3 प्रतिशत, फरवरी में 12.2 प्रतिशत, मार्च में 12.8 प्रतिशत दर्ज की गयी.
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शहरी क्षेत्र में 18.5 प्रतिशत बेरोजगारी
इस आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल में शहरी बेरोजगारी 18.5 प्रतिशत रहा. वहीं ग्रामीण बेरोजगारी दर 12.0 प्रतिशत दर्ज की गयी. वहीं लिंग के आधार पर बेरोजगारी दर की बात करें तो झारखंड में महिलाओं की बेरोजगारी दर 23.6 प्रतिशत और पुरूषों की बेरोजगारी दर 13.5 प्रतिशत है. वहीं शहरी महिलाओं में 30.4 और ग्रामीण महिलाओं में 17.3 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गयी है. जबकि शहरी पुरूषों में 18.1 और ग्रामीण पुरूषों में 11.9 प्रतिशत बेरोजगारी पायी गयी. बता दें कि पिछले कुछ महीनों में झारखंड में रोजगार सृजन के लिए राज्य सरकार ने कई बार घोषणाएं कीं. लेकिन इसके बाद भी बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है.
पिछले साल से अधिक है बेरोजगारी दर
पिछले साल अगस्त में भी देश की बेरोजगारी दर अधिक दर्ज की गयी थी. तीन महीने के लॉकडाउन के बाद देश में बेरोजगारी दर अगस्त में 8.5 प्रतिशत रही. सितंबर में 6.68, अक्टूबर में 7.02, नंवबर में 6.50 और दिसंबर में 9.06 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. वहीं इन महीनों में अगस्त में राज्य की बेरोजगारी दर 9.8 प्रतिशत, सितंबर में 9.3 प्रतिशत, अक्टूबर में 11.8 प्रतिशत, नवंबर में 9.5 और दिसंबर में 14.4 प्रतिशत दर्ज की गयी.
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