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शोषण का जरिया न बने निजी अस्पताल, रेट चार्ट करें डिस्प्ले, रखें पारदर्शी सिस्टम

Dhanbad: जिले के निजी कोविड अस्पतालों को इलाज खर्च को लेकर पारदर्शी सिस्टम रखने का निर्देश दिया गया है. बावजूद इलाज खर्च को लेकर शिकायत लगातार मिल रही है. लिहाजा धनबाद उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने गुरुवार को सर्किट हाउस स्थित कोविड वार रूम से सभी निजी कोविड अस्पताल प्रबंधन के साथ ऑनलाइन बैठक में निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल शोषण का जरिया ना बनें, पारदर्शी सिस्टम के तहत मरीजों से सरकार द्वारा तय रेट ही चार्ज करें. लोग जागरूक हैं. अस्पताल सबकी नजरों में है. किसी की भी गलत हरकत शीघ्र संज्ञान में आ जाएगी.

शिकायत सही होने पर कड़ी कार्रवाई

उपायुक्त ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में लोगों की सेवा करना अस्पताल प्रबंधन का उद्देश्य होना चाहिए. रांची के बड़े अस्पताल भी सरकार द्वारा तय रेट चार्ट के अनुरूप राशि मरीजों से लेते हैं. जिले के अस्पतालों द्वारा अनावश्यक रूप से मरीजों से पैसे की वसूली करने और सरकारी रेट से अधिक रकम लेने से उनकी प्रतिष्ठा पर बट्टा लग सकता है. ऐसे में उनका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है. उन्होंने कहा कि मरीजों से एडवांस रकम लेने की एक सीमा होनी चाहिए. आपदा की इस घड़ी में लोगों का सहयोग करना चाहिए. लिहाजा लोग इलाज के लिए प्राथमिकता देकर सरकारी अस्पतालों में आते हैं. इसलिए जिला प्रशासन ने भी आईसीयू बेड की संख्या में बढ़ोतरी करने व चिकित्सा की मुकम्मल व्यवस्था करने की ठान ली है.

कोविड अस्पतालों का होगा डेथ ऑडिट

उन्होंने कहा कि सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में डेथ ऑडिट होगी. एक कमेटी द्वारा आने वाले दो-तीन दिनों में आईसीएमआर के नियमानुसार ऑडिट किया जाएगा. इसमें मरीज की मृत्यु किस कारण से हुई ? कैसे हुई ? इलाज के दौरान कहां चूक हुई ? इत्यादि का उल्लेख होगा. 10 दिनों के बाद कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट सुपुर्द करेगी.  डेथ ऑडिट का उद्देश्य किसी को डराना नहीं है, बल्कि एक सही तस्वीर सामने लाना है. सबको मिलकर टीम वर्क की भावना से कोरोना से लड़ना है. सभी अस्पताल ऑडिट कमिटी का सहयोग करें और उनके यहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का कोविड ट्रिटमेंट प्रोटोकोल को गंभीरता से लेते हुए इलाज करें.