Ranchi : एक ओर पूरा देश कोरोना संक्रमण से ग्रसित है और लोग अपने परिवार को बचाने को लेकर जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं राज्य के प्राइवेट स्कूल राज्य सरकार के आदेश को दरकिनार कर फीस के नाम पर तांडव मचाए हुए हैं. यह सारा काम हो रहा है सरकार के तथाकथित पदाधिकारियों के संरक्षण में. उक्त बातें झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने कही. अजय राय ने इस संबंध में एक पत्र राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भी भेजा है. साथ ही इसपर दोषी स्कूलों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है.
गाइडलाइन में कहा गया है पैंरेट्स पर दबाव डालना अपराध है
इस संबंध में अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण व अधिकार आयोग की गाइडलाइन में कहा गया है कि फीस को लेकर बच्चों को प्रताड़ित करना, उनकी ऑनलाइन क्लास रोकना, परीक्षा में न बैठने देना, प्रमोट न करना और गैरकानूनी फीस वसूलना एक कानूनन अपराध है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधक इन गाइडलाइन का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं और एनुअल, डेवलपमेंट, बिल्डिंग, कंप्यूटर, मैगजीन आदि के नाम पर फीस वसूल रहे हैं. उन्होंने कहा है कि राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिलों के अभिभावकों ने एसोसिएशन के पास शिकायत कर बताया है कि स्कूल प्रबंधक अपने स्टाफ से फोन व नोटिस के माध्यम से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज व अन्य मदों में फीस मांग रहे हैं और फीस जमा न करने पर उनके बच्चों को प्रताड़ित कर रहे हैं.
तो फिर कोर्ट जाएगा एसोसिएशन
झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन ने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से 25 जून 2020 को पत्र जारी किया गया था. पत्र में स्पष्ट आदेश है कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी फीस नहीं लेगा, जब तक कि स्कूलों में सुचारू रूप से क्लास चालू नहीं हो जाता है, तब तक यह आदेश प्रभावी होगा. बावजूद स्कूलों ने इस आदेश को धता बताते हुए हर तरह की फीस वसूल रहे हैं, जिसकी दर्जनों शिकायत राजधानी रांची सहित अलग-अलग जिलों से झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्र के माध्यम से एचआरडी सहित अलग-अलग जिलों के उपायुक्त सहित डीएसई से की है.
अजय राय ने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस विभाग को भी देख रहे हैं और उनके नाक के नीचे इस तरह की लूट मची हुई है और उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं होना कई प्रश्न खड़ा करता है. उन्होंने यह भी बताया कि इन शिकायतों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होता देख झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन कोर्ट जाएगा.