Ranchi: रबीउल अव्वल शरीफ की बारह तारीख पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ल. के यौम-ए-पैदाइश का दिन है. जिसे पूरी दुनिया ईद-मिलादुन्नबी के रूप में जानती है. शुक्रवार को शहर एवं ग्रामीण इलाकों में जश्न ईद मिलादुन्नबी पूरे शान से मनाया जाएगा. इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी ने जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकालने का ऐलान किया है. जश्न ईद मिलादुन्नबी के मौके पर हजरत मोहम्मद साहब के जीवन, कुरआन और हदीस से जुड़ी पैगाम मस्जिदों, खानकाहों से दिया जायेगा. मुस्लिम इलाको के घरों, मस्जिदों में मिलाद की महफिल, कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी, नात ख्वानी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू हो जायेगी.
मस्जिदों और घरों को सजाया गया
मस्जिदों, दरगाहों, घरों व मोहल्लों को फूलों, लाइटों, इस्लामी झंडों, गुब्बारों और झंडियों से सजाया जा रहा है. ज्ञात हो कि 15 अक्टूबर 2020 को सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी की ओर से एक आम बैठक कर निर्णय लिया गया था कि इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला जाएगा. कमेटी के महासचिव अक़ीलुर्रह्मान ने बताया कि उस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था की जश्न ईद मिलादुन्नबी पर अपने अपने घरों में पूरे अक़ीदत व एहतराम के साथ मनाएंगे. केंद्र और राज्य सरकार के गाइडलाइन का पूरा पूरा ख्याल रखेंगे. इससे जुड़े सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमिटी ने राज्य के लिए एक गाइडलाइन भी जारी किया है.
कमेटी ने जारी किया गाइडलाइन
सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी के सरपरस्त हजरत मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली, हजरत अल्लामा मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, अल्लामा डॉक्टर ताजुद्दीन, जनाब मोहम्मद सईद, अध्यक्ष मौलाना जसीमुद्दीन खान अम्बर, महासचिव अकील उर रहमान, हजरत मौलाना मुफ्ती फैजुल्ला मिस्बाही, हजरत मौलाना निजामुद्दीन मिस्बाही ,कारी अयूब रिज़वी ने करोना वायरस संक्रमण को देखते हुए केंद्र और राज्य की हिफाजत के लिए इस वर्ष ईद मिलादुन्नबी का जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया है. जश्ने ईद मिलादुन्नबी अपने घरों, मोहल्लो, इमामबाडो और मस्जिदों में सादगी के साथ मनाने की अपील करते हुए गाइडलाइन जारी किया है.
क्या है गाइ़डलाइन
1. पैग़ंबरे इस्लाम के जन्मदिवस पर अपने घरों, मोहल्लों, गलियों और और मस्जिदों को (चिराग जलाये) रोशन करें सलातो सलाम पढ़ें.
2. झंडे लगाएं जगह-जगह बैनर पोस्टर और गेट लगाकर जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनायें.
3. हर मोहल्ले में हर घर में जश्ने ईद मिलादुन्नबी और सीरत उन नबी की महफिल सजाएं. नात शरीफ, दरूद और जिक्र मुस्तफा करें.
4. साफ-सफाई का खास ख्याल रखते हुए अपने मोहल्ले, घरों, गलियों में सफाई अभियान चलाएं.
5. अपने ताकत के मुताबिक गरीब, मिस्कीन, लाचार मजबूर को खाना खिलाएं. लंगर ख्वानी का एहतेमाम करें.
6. उलेमा-ए- अहले सुन्नत और आईम्मा मस्जिद को अपनी ताकत के हिसाब से तोहफा पेश करें. उनकी जरूरतों का ख्याल रखें.
7. अगर किसी इंसान से कोई गिला शिकवा हो तो उसे माफ करते हुए समझौता कर लें. मुसलमानों के लिए जायज नहीं कि वह अपने भाई से सलाम कलाम बंद रखें.
8. गरीब छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए मदद करें.
9. गरीब मजबूर मरीजों के इलाज के लिए दवाई और फीस का इंतजाम करें. अपने रिश्तेदार मरीजों का देखभाल करें.
10. अगर किसी जरूरतमंद ने कर्ज लिया हो और अदा करने की हालत में ना हो तो उसे माफ कर दें.
11. पैग़ंबरे इस्लाम के जन्मदिन की खुशी में पौधारोपण करें.
12. अपने सभी दोस्तों को इस्लामी मालूमात के किताब तोहफा में
पेश करें.