Bermo: जब बारिश होती है तो किसान के चेहरे खिल जाते हैं, जब लगातार मूसलाधार बारिश होती है, तो तबाही भी लाती है. लेकिन यहां एक दूसरी समस्या खड़ी हो गई है. बीती 30 जुलाई को लगातार 48 घंटे की मूसलाधार बारिश ने बोकारो-कोनार नदी पर बने डीवीसी बोकारो थर्मल बैराज के चार गेट तोड़ दिए. गेट के टूटने के कारण नदी का पानी 4 दिन से लगातार बह रहा है. लिहाजा नदी का जलस्तर धीरे धीरे कम हो गया और सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के लिए नदी में बना इंटेक वेल से पानी की दूरी बढ़ गई. अब इंटेक वेल तक पानी नहीं आने के कारण सीसीएल क्षेत्र में पानी की सप्लाई बंद हो गई है.
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कथारा वाशरी का उत्पादन हुआ ठप्प
सीसीएल कथारा ने बोकारो-कोनार नदी पर दो अलग अलग इंटेक वेल बनाया है. नदी का जलस्तर कम होने के कारण पानी सप्लाई बंद हो गया है. पानी के अभाव में रविवार के दोपहर से ही कथारा वाशरी का उत्पादन ठप्प है. इस संबंध में परियोजना पदाधिकारी, के मुरली ने बताया कि बोकारो थर्मल नदी के बैराज गेट के टूट जाने के कारण ऐसा हुआ है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लगभग एक हज़ार टन कोयला वाश होता था, लेकिन पानी नहीं मिलने के कारण वाशरी को बंद करना पड़ा है. प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.
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कथारा-जारंगडीह में होगा पेयजल संकट
सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के कथारा के सभी कॉलोनी एवं जारंगडीह के आवासीय कॉलोनी में लगभग 50 हजार की आबादी निवास करती है. इन क्षेत्रों में रविवार से पेयजल आपूर्ति बंद है. सीसीएल प्रबंधन यदि पेयजलापूर्ति की बैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है, तो कॉलोनीवासी सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा.
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डीवीसी प्रबंधन भी मामले पर चिंतित
यह बात दीगर है कि बैराज का गेट बहने से डीवीसी के 500 मेगावाट के ए पावर प्लांट से बिजली उत्पादन पर अभी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. लेकिन जब तक टूटे बैराज की मरम्मत नहीं हो जाती है, तब तक डीवीसी प्रबंधन को भी संकट का सामना करना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि अभी बरसात के पानी के कारण प्लांट को जरूरत के अनुसार डीवीसी को पानी मिल जा रहा है, लेकिन जब मरम्मती के लिए पानी को कम किया जाएगा, उस समय प्लांट को चालू रखने के लिए परेशानी हो सकती है. बहरहाल मौजूदा समय में सीसीएल को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही सीसीएल के कर्मचारी सहित आसपास के ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.