Giridih : सीसीएल कोलियरी के कबरीबाद और ओपेनकास्ट परियोजना में कोयले का उत्पादन ठप है. इससे सीसीएल का घाटा 104 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. उत्पादन ठप होने का वजह यहां के कोल माइंस को इन्वायरमेंट क्लियरेंस (पर्यावरणीय स्वीकृति) और कंसेंट टू ऑपरेट (संचालन की अनुमति ) नहीं मिलना बताया जा रहा है. कबरीबाद माइंस में वर्ष 2018 और ओपेनकास्ट माइंस में 1 जनवरी 2022 से कोयले का उत्पादन ठप है. कोयले का उत्पादन बंद होने से सीसीएल के बनियाडीह स्थित विक्रय कार्यालय और ओसीपी में भी सन्नाटा पसरा है. माइंस क्षेत्र में संचालित वाहनों का चक्का थम गया है. कोयले का उत्पादन बंद होने से इस क्षेत्र के असंगठित मजदूर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. रोड सेल चालू रहने से करीब दो हजार मजदूरों को रोजगार मिल रहा था. कोयले का उत्पादन ठप होने से मजदूर परेशान हैं. रोजगार के अभाव में ये मजदूर पलायन करने को विवश हैं. पिछले दो वर्ष के दौरान इस क्षेत्र के करीब सात सौ से ज्यादा मजदूर दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, गुजरात सहित अन्य शहरों में पलायन कर चुके हैं. इस संबंध में मजदूर नेता राजेश सिन्हा ने कहा कि रोड सेल बंद होने के कारण असंगठित मजदूर आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं. स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से मजदूरों पलायन कर रहे हैं. इन्वायरमेंट क्लियरेंस को लेकर 26 फरवरी को सीसीएल क्षेत्र के बनियाडीह ऑफिसर्स क्लब में जनसुनवाई कार्यक्रम रखा गया है. पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारी, सीसीएल के अधिकारी, ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि, पंचायतों के जपरतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहेंगे. जनसुनवाई कार्यक्रम की तैयारी अंतिम चरण में है. इस संबंध में सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने बताया कि पिछले चार वर्षो से कबरीबाद माइंस बंद होने से करीब एक सौ करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं करीब डेढ़ महीने से ओपेनकास्ट माइंस बंद होने से चार करोड़ का नुकसान हुआ है. इस समय गिरिडीह कोलियरी 104 रुपये के घाटे में चल रही है. उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को इन्वायरमेंट क्लियरेंस को लेकर जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. उम्मीद है कि जनसुनवाई के बाद गिरिडीह कोलियरी को इन्वायरमेंट क्लियरेंस सर्टीफिकेट मिल जाएगा, उसके बाद फिर उत्पादन शुरू होगा. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=252435&action=edit">यह
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गिरिडीह कोलियरी में उत्पादन ठप, सीसीएल को 104 करोड़ से ज्यादा का घाटा

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