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बीआईटी मेसरा में आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजीज इंजीनियरिंग सिक्योर्ड फ्यूचर पर कार्यक्रम

Ranchi : बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी), मेसरा में आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजीज इंजीनियरिंग सिक्योर्ड फ्यूचर पर 24 और 25 जून को कार्यक्रम हुआ. पहले दिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा रहे. 17वां नेशनल फ्रंटियर्स ऑफ इंजीनियरिंग में कई विद्वान शामिल हुए. सत्र की शुरुआत बीआईटी के कुलपति प्रो. इंद्रनील मन्ना और डॉ. सी. जगनाथन के व्याख्यान से शुरू हुई.

सांसद जयंत सिन्हा ने पीपीटी माध्यम से छात्रों को समझाया

सांसद जयंत सिन्हा ने गेटिंग ग्रीन फ्रंटियर नेट जीरो डेवलपमेंट मॉडल फॉर इंडिया पर अपना पीपीटी प्रजेंटेशन दिया. उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन से ग्रीन फ्रंटियर मॉडल पर छात्रों के साथ बातचीत की, जिस पर वह काम कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन से भविष्य का समस्या पर चिंता जताई. उन्होंने सतत विकास के लिए इनोवेशन ड्रिवेन जॉब्स की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया. यह भी सुझाव दिया कि बेहतर दुनिया की दिशा में आगे बढ़ने के लिए हम कार्बन एमिशन में क्या बदलाव ला सकते हैं. उन्होंने छात्रों से समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह किया. अंत में उन्होंने सतत विकास पर दर्शकों के सवालों के जवाब दिए.

प्रदूषण रोकने पर सबको ध्यान देने की जरूरत

शुभम संदेश अखबार के संवाददता ने प्रश्न किया कि कोल माइंस और पावर प्लांट जो प्रदूषण फैला रहे है और नदियों को दूषित कर रहे, इनसे कैसे निबटा जा सकता है. उस पर उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है. हर संस्थान को इस पर ध्यान देना चाहिए, चाहे वो सीसीएल, एनटीपीसी हो या राज्य सरका. इस सभी को ध्यान देने की जरूरत है. भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में लगी आग का उन्होंने उदाहरण दिया.

इंजीनियरिंग के छात्रों को इंडस्ट्री में रिसर्च करना चाहिए : कुलपति

बीआईटी मेसरा के कुलपति इंद्रनील मन्ना ने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों को इंडस्ट्री में रिसर्च करना चाहिए. इसके लिए हमें पूर्ण तैयारी करने की जरूरत है. बहुत बार ऐसा देखा गया है कि किसी भी रिसर्च के फील्ड में इंडस्ट्री और यूनिवर्सिटी से छात्रों का अनुभव बेहद अलग होता है. हमें इस कमी को दूर करना चाहिए. इस पर विचार करना चाहिए कि छात्र अपने शोध को किस तरह से करें, जो इंडस्ट्री के काम आए. आईएनइ द्वारा कलाम फेलोशिप दिया जाता है. छात्रों को एक मौका देता है, जिसे छात्रों को प्रोपराइटरशिप बनने का मौका मिलता है. इससे हर समस्या दूर की जा सकती है. इसके साथ सभी के बीच समस्याओं का समाधान करना और इसके साथ सभी छात्रों में एंटरप्रेन्योरशिप की भावना जगाना आईएनइ का मुख्य मकसद होता है. इसे भी पढ़ें – रांचीः">https://lagatar.in/ranchi-llb-studies-in-sarla-birla-university-from-this-session/">रांचीः

सरला बिरला विवि में इसी सत्र से एलएलबी की पढ़ाई
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