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सीएम हेमंत ने दी थी रोक हटाने पर सहमति
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्मिक विभाग के मंत्री के तौर पर सभी विभागों की प्रोन्नति पर लगी रोक हटाने पर सहमति दी थी. वहीं बीते दिनों हाईकोर्ट ने अपने एक निर्णय में राज्य के सभी विभागों में सैकड़ों कर्मियों की प्रोन्नति का रास्ता क्लियर कर दिया था. हाइकोर्ट ने माना था कि जब विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हो चुकी है तथा उसमें कर्मियों को प्रोन्नति के योग्य पाते हुए अनुशंसा की जा चुकी है, तो वैसी स्थिति में उनकी प्रोन्नति लंबे समय तक रोकना सही नहीं है. बता दें कि झारखंड के एसटी विधायक भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के सरकारी सेवकों के प्रोन्नति से पदों को भरने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने जब प्रोन्नति पर जारी रोक को हटाने की अनुमति दे दी है. फिर भी अधिकारियों द्वारा प्रोन्नति मामले को लटकाया जा रहा है. ऐसा नहीं होने से उन्होंने इसपर आंदोलन करने तक की चेतावनी दी थी. इसे भी पढ़ें –एक">https://lagatar.in/attack-on-another-lawyer-attacked-with-a-pistol-at-house-lawyer-who-went-to-fill-bond/">एकऔर वकील पर हमला, बॉन्ड भरवाने गए अधिवक्ता के घर पर पिस्टल से हमला [wpse_comments_template]

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