Saurav Singh
Ranchi : झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने आइपीसी की धारा 153ए व 295A के तहत अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव तैयार करने के लिए गाइडलाइन जारी की है. सभी जिले के एसपी को इसको लेकर निर्देश जारी किया है. निर्देश में कहा गया है कि जिला द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्ताव में गलती रहने के कारण अधिकतर कांडों में समय पर अभियोजन स्वीकृति प्राप्त नहीं हो पाती है. इसमें एकरूपता लाने के लिए डीजीपी द्वारा चेक लिस्ट बनाया गया है. जिले के एसपी को निर्देश दिया गया है कि उसी के अनुसार अभियोजन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजें.
क्या है आईपीसी की धारा 295 (ए)
अगर कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करता है या इससे संबंधित वक्तव्य देता है, तो वह आईपीसी (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295 ए के तहत दोषी माना जाएगा. दोषी पाए गए ऐसे व्यक्ति को अधिकतम दो साल तक के लिए कारावास की सजा का प्रावधान है. उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है या फिर उसे दोनों ही तरह से दंडित किया जा सकता है.
क्या है आईपीसी की धारा 153 (ए )
धारा 153ए धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने के मामले में लगाई जाती है. इसमें तीन साल तक कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. इसे 1898 में अधिनियमित किया गया था और यह मूल दंड संहिता का हिस्सा नहीं था. संशोधन के समय वर्ग द्वेष को बढ़ावा देना राजद्रोह के अंग्रेजी कानून का एक हिस्सा था, लेकिन भारतीय कानून में शामिल नहीं था.
अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव के लिए जारी की गाइडलाइन
- डीसी और एसपी का मंतव्य
- उपलब्ध साक्ष्य का संक्षिप्त विवरण
- औपचारिक प्राथमिकी की कंप्यूटर से टाइप प्रति.
- वादी के लिखित आवेदन की पठनीय प्रति
- जब्ती सूची
- कांड दैनिकी की अद्यतन कंप्यूटर से टाइप की प्रति
- पर्यवेक्षण की टिप्पणी की पठनीय प्रति
- आरोप पत्र प्रारूप की पठनीय प्रति
- टीआईपी की पठनीय प्रति
- अपराध की स्वीकारोक्ति बयान की पठनीय प्रति
- यदि पूर्व में किसी अभियुक्त के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हो तो कांड की दैनिकी कंडिका की संख्या
- एफएसएल रिपोर्ट या अन्य रिपोर्ट की पठनीय प्रति.
इसे भी पढ़ें – रांचीः">https://lagatar.in/ranchi-pocso-court-acquitted-rape-accused-due-to-lack-of-evidence/">रांचीः
पोक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को साक्ष्य के अभाव में किया बरी [wpse_comments_template]
पोक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को साक्ष्य के अभाव में किया बरी [wpse_comments_template]