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कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों का करें संरक्षण, हेमंत सरकार देगी मासिक प्रोत्साहन सहायता

  • सीएम ने कहा है कि सरकार का प्रयास होगा कि ऐसे अनाथ बच्चे शोषण या बाल तस्करी में ना फंसें
  • संक्रमण के दौरान अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों को परिवार में कोई सदस्य देखभाल करने के लिए सहमत है, तो इस काम के लिए सरकार द्वारा उन्हें मासिक प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी. ऐसा नहीं होने पर राज्य सरकार खुद ऐसे अनाथ बच्चों की देखभाल करेगी. सीएम के निर्देश के बाद पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सरकार का प्रयास होगा कि जिन बच्चों ने संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है, वे शोषण या बाल तस्करी में ना फंसने पाएं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रांची जिला प्रशासन ने भी अन्य जिलों की तरह चाइल्ड केयर हेल्पलाइन जारी किया है.

इन नंबरों पर किया जा सकता है कॉल

केंद्रीय चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के अतिरिक्त जिला प्रशासन ने व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है. प्रशासन ने लोगों से अपील भी की है कि वे ऐसे बच्चों का विवरण सार्वजनिक डोमेन में जारी न करें और सीधे हेल्पलाइन को रिपोर्ट करें.
टोल-फ्री नं- 1098
हेल्पलाइन नंबर- 181
WhatsApp नंबर - 8789833434
मोबाइल नंबर- 9955588871, 8789370474

तत्काल सहायता के लिए समर्पित टीम

जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा निगरानी की जाने वाली चाइल्ड केयर हेल्पलाइन में ऐसे मामलों को देखने और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित टीम गठित की गई है. इस आपदा के कारण अनाथ हुए बच्चों की सूचना प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सकती है. प्रशासन की टीम प्रभावित बच्चों को संरक्षण प्रदान करेगी. बच्चों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र करने और आवश्यकता का आंकलन करने के बाद जिला बाल कल्याण समिति अंतिम निर्णय लेगी.

देखभाल करने वाले को सहायता प्रदान की जाएगी

यदि अनाथ हुए बच्चों के परिवार में कोई सदस्य उनकी देखभाल करने के लिए सहमत है, तो उन्हें देखभाल के बदले मासिक प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी. ऐसे मामलों में बाल कल्याण समिति के सदस्य संबंधित घर का दौरा कर सर्वेक्षण करेंगे कि बच्चा उनके साथ सुरक्षित होगा या नहीं. यदि बच्चों के लिए कोई केयरटेकर उपलब्ध नहीं है, तो ऐसे मामलों में बच्चों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे चिल्ड्रन केयर होम ले जाया जाएगा, जहां उनकी हर तरह से देखभाल सुनिश्चित की जाएगी. इसके अलावा यह हेल्पलाइन उन बच्चों को भी अस्थायी सहायता देगी, जिनके माता-पिता अस्पताल में इलाजरत हैं

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