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वाटर कनेक्शन शुल्क में वृद्धि का विरोध, मेयर और पार्षदों ने RMC के बाहर दिया धरना

  • वाटर कनेक्शन शुल्क में 14 गुना वृद्धि का मेयर और पार्षदों ने किया विरोध
  • शुल्क वृद्धि को राज्य सरकार की जनविरोधी नीति का हिस्सा बताया
  • बुधवार को राजभवन के समक्ष किया जाएगा विरोध प्रदर्शन
  • मेयर ने लोगों से की विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की अपील
Ranchi :  रांची नगर निगम बोर्ड परिषद की बैठक की अनुमति के बिना राजधानी में नए वाटर कनेक्शन शुल्क सहित वाटर टैक्स में बढ़ोतरी के विरोध में मेयर और पार्षदों ने मंगलवार को निगम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. मेयर आशा लकड़ा ने कहा, राज्य सरकार ने वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर दिया है, जो जनविरोधी नीति का ही हिस्सा है. नगर विकास विभाग ने वाटर कनेक्शन शुल्क सहित वाटर टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर लाये नियमावली को नियमविरुद्ध तरीके से लागू कर दिया है. इससे शहर के लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक मार पड़ा है. नयी नियमावली से राज्य सरकार जनता को मारने का काम कर रही है. वाटर टैक्स में अप्रत्याशित वृद्धि की अधिसूचना के विरोध में 17 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने राजधानी की जनता सहित सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों से इस जनांदोलन में शामिल होकर राज्य सरकार की जनविरोधी नीति का विरोध करने की अपील भी की. आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जल कर की नई नीति में BPL परिवार को भी राहत नहीं दिया है. BPL परिवार को मात्र 5000 लीटर शुद्ध पेयजल ही निःशुल्क दिया गया है. 5000 लीटर से 50, 000 किलो लीटर तक BPL परिवार को 9 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. जहां एक ओर केंद्र सरकार BPL परिवार को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार BPL परिवार को भी जल कर के दायरे में लाकर उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा मांग रही है. आशा लकड़ा ने कहा, पूर्व में उपभोक्ताओं को 6 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से जल कर का भुगतान करना पड़ता था. जबकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को 5,000 से 50,000 लीटर शुद्ध पेयजल के उपभोग के लिए डेढ़ गुना यानी 9 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. 50,000 से अधिक जल का उपयोग करने पर लगभग दो गुणा यानी लगभग 11 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से भुगतान करना होगा. इसके अलावा उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क 500 रुपये की जगह 7,000 रुपये भुगतान करना होगा. इसे भी पढ़ें-राज्यपाल">https://lagatar.in/governor-ramesh-bais-inaugurated-the-building-of-panch-parganas-kisan-college-vc-was-also-present/">राज्यपाल

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मेयर ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार शहरवासियों को निःशुल्क वाटर कनेक्शन के नाम पर गुमराह कर रही है. सिर्फ उन क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन निःशुल्क किया है, जहां नए सिरे से पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं. राज्य सरकार की नई अधिसूचना के तहत जिन क्षेत्रों में पुराने पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही है, उन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए भवनों के अलग-अलग प्रकार के तहत 7,000 से लेकर 42,000 रुपये तक का भुगतान करना होगा. व्यावसायिक एवं औद्योगितक उपभोक्ताओं को 26 स्क्वायर फीट के तहत भुगतान करना होगा. राज्य सरकार की इस नई अधिसूचना को गैर कानूनी तरीके से लागू किया गया है. पूर्व में रांची नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए नगर आयुक्त से विस्तृत जानकारी मांगी गई थी, परंतु उन्होंने जानकारी दिए बिना ही निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया. इसका सभी पार्षदों ने विरोध किया. जिसके बाद नगर आयुक्त ने स्वतः राज्य सरकार के इस अधिसूचना को बैक डेट से लागू कर दिया. इससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने वाटर टैक्स में वृद्धि कर राजकोष को भरने की तैयारी की है. सरकार को जनहित की कोई चिंता नहीं है. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि कोरोना काल में जनता के साथ राज सरकार अन्याय करने का काम कर रही है. एक तो पहले से ही होल्डिंग टैक्स को लेकर सरकार की नीति गलत कर रही है. होल्डिंग टैक्स वसूली बाकी कोई भी व्यवस्था नहीं है. अब वाटर टैक्स में वृद्धि कर गरीबों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें-23">https://lagatar.in/bjp-state-working-committee-meeting-on-23-november/">23

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